________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लिए करते हैं ।
ज्ञान से विनय आता है, नम्रता आती है । शरीर में वृद्धावस्था आती है, लेकिन ज्ञान को कभी वृद्धावस्था नहीं आती । ज्ञानी की बात जितनी भी बार सुनते हैं, उतनी ही बार हमारा मन स्वच्छ होता है । इसलिए समय मिलने पर ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए । जिस प्रकार मधुमक्खी अलग-अलग फूलों का रस ग्रहण कर छत्ता बनाती है, उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन का भंडार ज्ञान से समृद्ध करना चाहिए ।
ज्ञान की प्राप्ति के लिए अशुभ क्रियाओं का त्याग और शुभ क्रिया में रुचि रखना आवश्यक है । मुनियों की अशुभ से निवृत्ति और शुभ में प्रवृत्ति होती है ।
* * * * तुम अपने आप को भगवान को अर्पित
करो, वही सब से उत्तम सहारा है । जो इसके सहारे को जानता है, वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है ।
* * *
२२
For Private And Personal Use Only