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२६. योग की विशिष्टता
सभी जादुओं में योग का जादू सर्वश्रेष्ठ होता है । लौकिक चमत्कार वह सच्चा चमत्कार नहीं होता है, लेकिन जो आत्मा में परिवर्तन ला दे वही सच्चा चमत्कार है । अधम आत्मा भी योग से महान बन जाती है । योग से चंचल मन स्थिर और स्वस्थ होता है । जब तक मन स्थिर न हो, तब तक क्रिया व्यर्थ होती है । वह आसमान में बनाये हुए चित्र के समान होती है । क्रिया का जब तक असर मन पर न हो, तब तक क्रिया का कोई मूल्य नहीं है । अच्छा वातावरण और अच्छी सुगंध जिस प्रकार मन को प्रफुल्लित करती है, उसी प्रकार क्रिया भी मन को प्रफुल्लित करनेवाली होनी चाहिए । हम जो क्रिया करते हैं, वह हमें और किसी के लिए नहीं, लेकिन अपनी आत्मा के लिए ही करनी चाहिए ।
मन की समाधि योग से मिलती है । इत्र की खुशबू जिस प्रकार छिपी नहीं रहती, उसी प्रकार योगी पुरुषों का प्रभाव भी छिपा नहीं रहता । सुंदर मन अच्छे परमाणु फेंकता है । पापी और रोगी मनुष्य अपनी साँस के द्वारा खराब परमाणुओं को फेंकते हैं ।
जिस आत्मा ने योग के द्वारा मन को बहुत ही मजबूत बना लिया है, वह आत्मा
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