Book Title: Samvada Ki Khoj
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 135
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनेक प्रयास किये। मगर वे सारे प्रयास मुख्यत: आर्थिक एवं अन्य कारणों से शीघ्र ही निष्प्राण हो गये। जैन समाज का स्वयंका एक भी पंचांग न रहा। ऐसी स्थिति में पूज्य श्री अरुणोदयसागरजी म.सा. ने पूज्य गुरुजनों की कृपा से इस भारी क्षति को भरने का दुःसाहस किया जिसका परिणाम आज आपके सामने है। आप सभी के सहयोग से संस्था आज एक ऐसा प्रकाशन करती है जो समूचे जिनधर्मावलम्बिओं का ही मार्गदर्शक नहीं, अपितु जैनेतर बंधुओं में भी इतना ही प्रचलित एवं विश्वसनीय बना है। हर साल संस्थाश्री सीमन्धर प्रत्यक्ष पंचांग (गुजराती) एवं ___ श्री अरुणोदय प्रत्यक्ष पंचांग (हिन्दी) प्रकाशित करती है। यह संस्था का गौरव है। ___ सस्था एक लघु पंचांग का प्रकाशन भी करती है | जो वर्तमान में श्रमण भगवन्तों में अत्यंत लोकप्रिय है। ___ निम्न प्रकार के सहयोग आप से अपेक्षित हैं। (१) पेट्रन --- ५,५५५ रुपये (२) आजीवन सदस्य - १५०० रुपये (३) पंचांग निभाव फंड – ११११ रुपये | (४) पंचांग एवं पत्रिका में विज्ञापन आदि सहयोग। दान दाताओं के सूचनार्थ : श्री अरुणोदय फाउण्डेशन आयकर धारा ८० G के तहत कर मुक्त प्राप्त है जिसका क्रमांक E/४३७३ है। संस्था का पता श्री अरुणोदय फाउन्डेशन ६/२१, शीतलनाथ फ्लेट-१ खानपुर, अहमदाबाद-१ For Private And Personal Use Only

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