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बे प्रसिद्ध ताम्रपत्रो संपादक - लक्ष्मणभाई भोजक
[१] मैत्रक ध्रुवसेन बालादित्य)नु एक अप्रसिद्ध दानपत्र
श्री ला० द०
भा० सं० विद्यामन्दिर, अमदाबादना हस्तलिखित ख. रजी क्रमांक ८४२१ अने मू० क्र० ५५४ मां प्रस्तुत ताम्रपत्र छे.
आताम्रपत्रनां बे पतरां छे. पहेला पतरानी छेल्ली पंक्ति पासे अने बीजा पतरानी पहेली पंक्ति पासे छीद्र करी तेमां तांत्रानो जाडो सळीयो परोवी सळीयाना बने छेडा भेगा करी तेना उपर सील करेलुं छे.
सील उपर लंबगोल आकारमां राजमुद्रा छे उपरना अर्धा भागमां बेठेलो नंदी छे अने नीचेना भागमां श्री " भटक्कः" अक्षरो उपसावेला छे.
बन्ने पतरां एक ज मापनां २४४३२ से० मी० छे अने तेनुं कडी साथ कुछ वजन ३८८० ग्राम छे.
पहेला पतरामां २३ पंक्ति अने बीजा पतराम २२ पंक्ति छे. एक पंक्तिमां आसरे ५० थी ५६ अक्षरो छे.
पतरानी चारे तरफनी कीनार उपसावेली होवाथी अक्षरोने घसारो पहोंच्यो नथी.
दानपत्रनी भाषा संस्कृत छे. लिपि मैत्रककालीन छे. अनुस्वारना स्थाने मोटाभागे अनुनासिक वापर्या छे. रेफवाळा अक्षरो बेवडा लख्या छे. अवग्रहनो उपयोग कर्यो नथी. 'क' अने 'ख' नी पहेला आवता विसर्गना जिह्वामूलीय तथा 'प' अने 'फ' नी पहेला आवता विर्सना उपध्मानीय माटे विशिष्ट चिह्न वापर्या छे.
मैत्रक संवत ३१९ [AD 638] मागसर सुद ३ ना दिवसे शिवभागपुर विजयस्कंधा - वारथी श्री ध्रुवसेन अपर नाम बालादित्ये माता-पिताना पुण्यार्थे आ दान आयु छे
राजाओनी वंशावली आ प्रमाणे छे. १ भट्ट र्क, तेना वंशमां २ गुहसेन, तेनो पुत्र ३ धरसेन, तेनो पुत्र ४ धर्मादित्य अपर नाम शोलादित्य, तेनो अनुज ५ खरग्रह, तेनो पुत्र ६ धरसेन, तेनो अनुज ७ ध्रुवसेन अपर नाम बालादित्य |
दशपुरथी आवोने वलभीमां वसेला चतुर्वेदी छागल गोत्रना ब्राह्मण षष्ठिदत्तना पुत्र मातृदत्तने वापी सहित क्षेत्र दान कर्यु छे.
सुराष्ट्रमां बादवानकस्थलीमां मण्डक्कमरक गामनी पूर्व सोमामां धारासियक प्रकृष्ट क्षेत्रमांथी १०० पादावर्त्त प्रमाण क्षेत्र तथा ते मध्ये ३० पादावर्त्त प्रमाण " कपित्थवापी" नुं दान क छे.
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क्षेत्रना खुंट नीचे प्रमाणे छे :
१ सर्गपाठक गामनी सीमथी पश्चिम तरफ
२ रंककसत्क क्षेत्रथी उत्तर तरफ
३ धारासियक क्षेत्रमां ग्राम पणकूल कृत संकरिकानी पूर्व तरफ ४ महत्तर भोक्तु उवक क्षेत्रनी दक्षिण तरफ
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