Book Title: Sambodhi 1978 Vol 07
Author(s): Dalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 357
________________ जन तोथंकरों को द्वितीथा मूर्तियों का प्रतिमा-निरूपण मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी भगवान महावीर का उपदेश और आधुनिक समाज दलसुखभाई मालवणिया शत्रंजयगिरिना केटलाक अप्रकट प्रतिमालेखा मधुसूदन ढांकी - लक्ष्मण भोजक । मध्यकालीन गुजराती साहित्यनां हास्य - कथानको हसु याज्ञिक जन कवि का कुमारसम्मव सत्यवत जंन दर्शन के 'तर्क प्रमाण' का आधुनिक सन्दर्भो में मूल्यांकन सागरमल जैन श्री आनंदघन-रचित संस्कृत स्तवन संपा. कुमारपाळ देसाई गजथंभ संपा. लक्ष्मणभाई भोजक श्रो वोरस्तुतिद्वात्रि शिका संपा. पं. बाबुभाई सवचंद शाह सकल-तीर्थ-स्तोत्र संपा. र. म. शाह प्राचीन जैन आगम में जैनदर्शनको भूमिका दलसुख मालधणिया बे अप्रसिद्ध ताम्रात्रो संपा. लक्ष्मणभाई भोजक RIVIEW-स्वाध्याय Summary of Lecture by Mr. John Irvin on “The Pillar and the Cross in the Cults of India and Europe" महाकवि श्री रामचन्द्र-विरचितं मल्लिकामकरन्द-नाटकम् संपा. आगमप्रभाकर मुनिराजश्री पुण्यविजयजी 'संखित्त-तरंगबई-कहा (तर गलोला) संपा. अनु, हरिवल्लभ भायाणी 134 १-६४ २६६-२६२ Jain Education International For Personal &Private Use only www.jainelibrary.org

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