Book Title: Prakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Author(s): Darshankalashreeji
Publisher: Rajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
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विषय
पेज क्र.
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| श्वेताम्बर एवं दिगम्बर कर्मसाहित्य में गुणस्थान १. कर्मप्रकृति और गुणस्थान सिद्धान्त २. चन्द्रर्षिकृत पंचसंग्रह और गुणस्थान ३. प्राचीन कर्मग्रन्थ और गुणस्थान ४. नवीन पंचमकर्मग्रन्थ और गुणस्थान सिद्धान्त ५. दिगम्बर प्राकृत पंचसंग्रह और गुणस्थान सिद्धान्त ६. दिगम्बर संस्कृत पंचसंग्रह और गुणस्थान ७. गोम्मटसार और गुणस्थान सिद्धान्त
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(६) | प्राकृत और संस्कृत के अन्य प्रमुख ग्रन्थों में गुणस्थान
१. पूर्वधरकृत जीवसमास में गुणस्थान २. उमास्वाति के प्रशमरति प्रकरण में गुणस्थान चर्चा का अभाव ३. सिद्धसेन दिवाकर की कृतियों में गुणस्थान चर्चा का अभाव ४. समन्तभद्र के आप्तमीमांसा आदि ग्रन्थों में गुणस्थान चर्चा का प्रायः अभाव ५. स्वामी कार्तिकेय की कार्तिकेयानुप्रेक्षा में गुणश्रेणी की अवधारणा ६. योगिन्दुदेव के योगसार में गुणस्थान ७. आचार्य हरिभद्र के प्रमुख ग्रन्थों में गुणस्थान सम्बन्धी विवेचन ८. आचार्य शुभचन्द्र के ज्ञानार्णव में गुणस्थान ६. गुणभद्र का आत्मानुशासन और गुणस्थान १०. आचार्य हेमचन्द्र के ग्रन्थों में गुणस्थान चर्चा का प्रायः अनुल्लेख ११. नेमिचन्द्र सूरि के प्रवचनसारोद्धार में गुणस्थान विवेचन १२. नरेन्द्रसेन का सिद्धान्तसार और गुणस्थान १३. विनयविजय कृत लोकप्रकाश में गुणस्थान सम्बन्धी विवेचन १४. राजेन्द्रसूरिजी कृत अभिधानराजेन्द्रकोष और गुणस्थान सिद्धान्त १५. जिनेन्द्रवर्णीकृत जैनेन्द्र सिद्धान्तकोष और गुणस्थान १६. आचार्य देवेन्द्रमुनिजीकृत कर्मविज्ञान में गुणस्थान सिद्धान्त
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| गुणस्थान सम्बन्धी प्राचीन और समकालीन स्वतन्त्र ग्रन्थ १. रत्नशेखरसूरि विरचित गुणस्थानक्रमारोह २. गुणस्थानक्रमारोह नामक अन्य स्वतन्त्र रचनाएं
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