Book Title: Paumchariu Part 1
Author(s): Swayambhudev, H C Bhayani
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 11
________________ प्रास्ताविक दिलचस्पी रखनेवाले विद्वानोंसे निवेदन है कि यदि उनके ध्यान में गलतियाँ आयें तो वे निःसंकोच मझे मुचित करनेका कष्ट स्रें जिस भविष्य में उनका साभार परिमार्जन किया जा सके । मैं भाई लखमीचन्द्रजीके प्रति हमेशाकी लरह अपना आभार व्यक्त करता हूँ। यह घाई तीर्थकर महावीरको २५००कों और हिन्दी सन्त कवि तुलसीके 'रामचरितमानस' की ४००वीं वर्षगांठ है, अतः भूमिकाके रूपमें अनुवादके साथ 'पउमचरिउ और रामचरितमानस' का कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओंपर मैंने तुलनात्मक परिचय भी दे दिया है जिससे पाठक यह जान सकें कि दो विभिन्न दार्शनिक भूमिकाओं और समयोंमें लिखे गये उक्त रामकाव्योंमें 'भारतीय जनमानस' किन रूपोंमें प्रतिबिम्बित हुआ है । ११४ उघारगर गोर-२ - देवेन्द्र कुमार जैन

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