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मूल अनुवाद
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संधि कडवक कडवक का विषय
९ अरविन्द को दीक्षा ग्रहण करने से रोकने का प्रयत्न । १० अरविन्द का स्वजनों से अपने पुत्र को शिक्षा देने का अनुरोध । ११ अरविन्द को अवधि-ज्ञान की उत्पत्ति, नरक के कष्टों का वर्णन । १२ तिर्यंचगति में कष्टों का वर्णन । १३ मनुष्यगति के कष्टों का वर्णन । १४ देवगति के कष्टों का वर्णन । १५ राजा अरविन्द का निष्क्रमण । १६ राजा अरविन्द द्वारा दीक्षाग्रहण ।
अरविंद मुनि की तपश्चर्या का वर्णन । २ वन में एक सार्थ का आगमन । ३ सार्थपति की अरविंद से भेट, उसका धर्मोपदेश के लिये निवेदन । ४ सम्यक्त्व पर प्रकाश ।।
सम्यक्त्व के दोष और उनका दुष्परिणाम । सम्यक्त्व की प्रशंसा।
सम्यक्त्वधारी की प्रशंसा । ८ हिंसा आदि का दुष्फल । ९ अणुव्रतों का निरूपण । १० गुणवतों का , । ११ शिक्षाव्रतों का , । १२ जिनवर भक्ति की प्रशंसा । १३ सार्थपति द्वारा श्रावक धर्मका अंगीकार ! १४ गज का सार्थ पर आक्रमण । १५ मुनिद्वारा गज का प्रतिबोधन । १६ मुनि को मुक्ति की प्राप्ति । १ गज की तपश्चर्या का वर्णन ।
गज का आत्मचिंतन ।। ३ सर्पदंश से गज की मृत्यु । उसको स्वर्ग में उत्पत्ति । सर्प को नरकप्राप्ति । ४ राजा हेमप्रभ का वर्णन । ५ राजकुमार विद्युद्वेग का वर्णन । ६ विद्युद्वेग द्वारा किरणवेग को राज्य समर्पण । ७ किरणवेग की वैराग्य भावना; उसकी सुरगुरु नामक मुनि से भेंट ।
महाव्रतों पर प्रकाश-मुनि के अट्ठाइस मूल गुण ।
मुनि का उपदेश-मुनिधर्म पर प्रकाश । १० किरणवेग को तपश्चर्या का वर्णन ।
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