Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 18
________________ संधि कडवक २ ३ ४ ५ ६ ७ १२ १३ ८ ९ १० ११ १२ १३ १ २ ३ ८ ९ १० ११ १२ १३ १४ १५ १ २ ३ ४ ५ कडवक का विषय युद्ध में प्रगति । युद्ध की भीषणता का वर्णन | रविकीर्ति के साथी राजाओं द्वारा युद्ध प्रारंभ | यवनराज के उत्कृष्ट भटों द्वारा युद्ध - प्रारंभ | रविकीर्ति द्वारा स्वतः युद्धारंभ | रविकीर्ति का रण कौशल । यवनराज के पांच वीरों का रविकीर्ति से युद्ध । यवनराज के नौ पुत्रों का रविकीर्ति से युद्ध | श्रीनिवास का रविकीर्ति से युद्ध । ४ ५ ६ पार्थ द्वारा स्थारोहण | ७ श्रीनिवास का पराभव । रविकीर्ति और पद्मनाथ का युद्ध । रविकीर्ति द्वारा पद्मनाथ का वध । वनराज के गजबल का रविकीर्ति पर आक्रमण | रविकीर्ति द्वारा गजों का नाश । रविकीर्ति पर अन्य गचों का आक्रमण | रविकीर्ति के मंत्रियों का युद्ध करने के लिए पार्टी से निवेदन । Jain Education International पार्श्व की अक्षौहिणी सेना का विवरण । पार्श्व द्वारा शत्रु के गज-समूह का नाश पार्श्व से युद्ध करने के लिए यवनराज की तैयारी । पा और यवनराज का दिव्यास्त्रों से युद्ध । पार्श्व और यवनराज का बाणयुद्ध । पार्श्व पर यवनराज का शक्ति प्रहार शक्ति का नाश । यवनराज द्वारा शत्रुसेना का संहार । यवनराज का खड्ग से पार्थ पर आक्रमण । यवनराज का भीषण संग्राम पार्श्व द्वारा यवनराज का बंदी - ग्रहण | यवनराज के भटों द्वारा आत्मसमर्पण । पार्श्व का कुशस्थली में प्रवेश । पार्श्व द्वारा यवनराज की मुक्ति । वसंत का आगमन । पार्श्व के साथ अपनी कन्या का विवाह करने का निश्चय । For Private & Personal Use Only & 3 w 3 V V≈ 8×8 मूल ८५ ८६ ८७ ८८ ८८ ८९ ९० ९१ ९२ ९३ x x x w w 2 ९४ ९४ ९६ ९६ ९७ ९७ ९८ ९९ ९९ १०० १०० १०१ १०१ १०२ १०३ १०४ १०५ १०६ १०६ १०७ १०७ १०८ ९ अनुवाद ५९ ६० ६० ६१ ६१ ६२ ६२ ६३ ६३ ६४. ६४ ६५ ६६ ६६ ६७ ६७ ६७ ६८ ६८ ६८ ६९ ६९ ७० ७० ७० ७१ ७१ ७२ ७२ ७२ ७३ ७३ www.jainelibrary.org

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