Book Title: Parmatma ka Abhishek Ek Vigyan Author(s): Jineshratnasagar Publisher: Adinath PrakashanPage 22
________________ सबसे अच्छा जल बरसाती माना गया है, दूसरे क्रम में नदी का, शेष जल क्रम पृथ्वी पर लगभग 70 भाग पानी है, और जीवन का मुख्य आधार पानी है। हमारे शरीर में भी 70 भाग पानी है। पानी में पारदर्शिता है। पानी में सद्रुपता है। पानी में मुख्य प्र रूप से शीतलता का अद्भुत गुण समाहित है। उबलता हुआ जल भी अग्नि को शान्त कर देता है। शुचिता पानी का प्रमुख गुण हैं, इसीलिये अभिषेक एवं शारीरीक शुद्धि के लिये स्नान में उसका उपयोग होता है। पानी स्फूर्तिदायक है इसीलिये श्रमहर उपायों में निद्रा, तन्द्रा इत्यादि के निवारण में जल को प्रमुख स्थान दिया है। पानी मे सतत गतिशीलता का गुण भी उपलब्ध है। इसमें गतिरोध तोड़ने की विशेष क्षमता, पाताल-पर्वत भेदकर अपना रास्ता बना लेता है। जहाँ कहीं भी मूर्ति स्थापना है वहाँ पर दूध एवं पानी द्वारा अभिषेक विधान अवश्य पाया जाता है। हिन्दू धर्म की परंपरागत विधि में हम पाते हैं कि शिवलिंग पर सतत जल द्वारा अभिषेक का विधान देखने में आता है। शिवलिंग का आकार और आज की आधुनिक ऊर्जा उत्पन्न करने वाली अणु भट्ठी (न्यूक्लियर प्लांट) का आकार समान है, और गौर करने की बात यह है कि दोनों को ही सतत जल धारा की 57Page Navigation
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