Book Title: Parmatma ka Abhishek Ek Vigyan
Author(s): Jineshratnasagar
Publisher: Adinath Prakashan

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Page 91
________________ 97. 99. 61. ॐ अहँ कारूण्याय नमः 62. ॐ अहँ दोषज्ञाय नमः ॐ अहँ अभिज्ञाय नमः ॐ अहँ मित्रवत्सलाय नमः ॐ अहँ निपुणाय नमः ॐ अहँ विदग्धाय नमः ॐ अहँ प्रजानंदाय नमः ॐ अहँ शतधृतये नमः 69. ॐ अहँ श्रीवत्साय नमः ॐ अहँ हरये नमः ॐ अहँ हरस्वामिने नमः ॐ अहँ विष्टराय नमः ॐ अहँ सुरज्येष्ठाय नमः ॐ अहँ गोविंदाय नमः 75. ॐ अहँ नीलकंठाय नमः ॐ अहँ चतुर्युजाय नमः ॐ अहँ कवये नमः ॐ अहँ कमनाय नमः ॐ अर्ह आल्हादकारकाय नमः ॐ अहँ श्रीधराय नमः ॐ अहँ लब्धवर्णाय नमः ॐ अहँ रविज्ञेयाय नमः ॐ अहँ ध्रुवाय नमः 84. ॐ अहँ अमितशासनाय नमः 85. ॐ अहँ कुशलाय नमः ॐ अहँ सृकृत्याय नमः . 87. ॐ अहँ प्रवीणाय नमः ॐ अहँ बुद्धाय नमः ॐ अहँ प्रतिभान्विताय नमः ॐ अहँ प्रजानंदकराय नमः 91. ॐ अहँ धीरधीये नमः 92. ॐ अहँ धर्म पालाय नमः 93. ॐ अहँ धर्मिणे नमः। ॐ अहँ बहुश्रुताय नमः ॐ अहँ धर्मार्थिन नमः ॐ अहँ जिनाय नमः ॐ अहँ सनातनाय नमः 98. ॐ अहँ अनल्पकान्तये नमः ॐ अहँ श्रीमते नमः । 100. ॐ अर्हं नाथाय नमः 101. ॐ अहँ अबन्धनाय नमः 102. ॐ अहँ अचिन्त्यात्मने नमः 103. ॐ अहँ वीराय नमः 104. ॐ अहँ भवोज्झिताय नमः 105. ॐ अहँ शंकराय नमः 106. ॐ अहँ जननेत्रे नमः 107. ॐ अहँ नराग्रगाय नमः 108. ॐ अहँ स्वप्नाय नमः 109. ॐ अहँ नारार्चिताय नमः 110. ॐ अहँ विश्वविदे नमः 111. ॐ अहँ जिनाधिपाय नमः 112. ॐ अहँ जगत्पालाय नमः 113. ॐ अहँ वीर्यवते नमः 114. ॐ अहँ अजाय नमः 115. ॐ अहँ प्रकाशात्मने नमः 116. ॐ अहँ धर्मप्ररूपकाय नमः 117. ॐ अहँ सहस्त्रबुद्धये नमः 118. ॐ अहँ धर्मविदे नमः 119. ॐ अहँ देवाय नमः 120. ॐ अर्ह असंगाय नमः 121. ॐ अहँ मनोहराय नमः 122. ॐ अहँ पापहराय नमः

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