Book Title: Parmatma ka Abhishek Ek Vigyan
Author(s): Jineshratnasagar
Publisher: Adinath Prakashan

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Page 103
________________ 829. ॐ अहँ क्षमायुक्ताय नमः 830. ॐ अहँ क्षमिणे नमः 831. ॐ अहँ पुरातनाय नमः 832. ॐ अहँ परत्रात्रे नमः 833. ॐ अहँ परमद्युतये नमः 834. ॐ अहँ परमानन्दाय नमः 835. ॐ अहँ परमेश्वराय नमः 836. ॐ अहँ अजेयाय नमः 837. ॐ अहँ अनीहाय नमः 838. ॐ अहँ अरहाय नमः 839. ॐ अहँ तीर्थेशाय नमः 840. ॐ अहँ तत्वमूर्तये नमः 841. ॐ अहँ तीर्थकर्त्रे नमः 842. ॐ अहँ वीतदंभाय नमः 843. ॐ अहँ तारकाय नमः 844. ॐ अहँ तीर्थेद्राय नमः 845. ॐ अहँ ज्ञानिने नमः 846. ॐ अहँ त्यक्तसंसृतये नमः 847. ॐ अहँ जितदवेषाय नमः 848. ॐ अहँ जगत्यिप्रयाय नमः 849. ॐ अहँ तीर्णसंसाराय नमः 850. ॐ अहँ वरदर्शनाय नमः 851. ॐ अहँ ज्ञान विदे नमः 852. ॐ अहँ क्षमाचंचवे नमः 853. ॐ अहँ साक्षिणे नमः 854. ॐ अहँ परमात्मने नमः 855. ॐ अहँ पुराणाय नमः 856. ॐ अहँ पवित्राय नमः 857. ॐ अहँ पूतवाचे नमः 858. ॐ अहँ पूताय नमः। 859. ॐ अहँ परंज्योतिषे नमः 860. ॐ अहँ वरदाय नमः 861. ॐ अहँ तीर्थंकरस्तुतश्लोकाय नमः 862. ॐ अहँ तीर्थ रक्षकाय नमः 863. ॐ अहँ प्रसन्नात्मने नमः 864. ॐ अहँ तीर्थलोचनाय नमः 865. ॐ अहँ तीर्थपाय नमः 866. ॐ अहँ तापहर्त्रे नमः ____867. ॐ अहँ तत्त्वात्मने नमः 868. ॐ अहँ श्रेष्ठाय नमः 869. ॐ अहँ जगन्नाथय नमः 870. ॐ अहँ जगज्जैत्राय नमः 871. ॐ अहँ जगज्जयेष्ठाय नमः 872. ॐ अहँ जगद्ध्येयाय नमः ___873. ॐ अहँ जगज्जैत्रे नमः 874. ॐ अहँ जगन्मात्रे नमः 875. ॐ अहँ ज्योतिर्मते नमः 876. ॐ अहँ जितमोहाय नमः 877. ॐ अहँ जितनिद्राय नमः 878. ॐ अहँ जितवैराय नमः । 879. ॐ अहँ जगद्गृवयक शिवाय नमः 880. ॐ अहँ जितक्रोधाय नमः 881. ॐ अहँ जनेशिताय नमः 882. ॐ अहँ जगदानंददायकाय नमः 881. ॐ अहँ जितकल्पाय नमः 882. ॐ अहँ जगदग्रगाय नमः 883. ॐ अहँ जगत्स्वामिने नमः 884. ॐ अहँ जगत्पितामहाय नमः 885. ॐ अहँ जगज्जयिने नमः 886. ॐ अहँ विश्वदर्शिने नमः 887. ॐ अहँ जितलोभाय नमः 888. ॐ अहँ जगत्चंदाय नमः 889. ॐ अहँ मनोजयाय नमः 890. ॐ अहँ जगद्विभवे नमः 891. ॐ अहँ जगत्कर्त्रे नमः 892. ॐ अहँ जगद्गुरवे नमः (86)

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