Book Title: Parmatma ka Abhishek Ek Vigyan
Author(s): Jineshratnasagar
Publisher: Adinath Prakashan
________________
958. ॐ अहँ श्री जिनेन्द्रियाय नमः 959. ॐ अहँ श्री विघ्नविध्वंसीने नमः 960. ॐ अहँ श्री अभिष्टदाय नमः 961. ॐ अहँ श्री त्रिलोकयूजिताय नमः 962. ॐ अहँ श्री सर्वज्ञाय नमः । 963. ॐ अहँ श्री सारधियाय नमः 964. ॐ अहँ श्री नराधीशाय नमः 965. ॐ अहँ श्री धर्मरक्षकाय नमः 966. ॐ अहँ श्री धर्मवानाय नमः 967. ॐ अहँ श्री धर्मपालाय नमः 968. ॐ अहँ श्री प्रकाशात्माय नमः 969. ॐ अहँ श्री धमीधमार्य नमः 970. ॐ अहँ श्री सनातनाय नमः 971. ॐ अहँ श्री असंगाय नमः 972. ॐ अहँ श्री मनोहराय नमः 973. ॐ अहँ श्री पापहराय नमः 974. ॐ अहँ श्री अबंधनाय नमः 975. ॐ अहँ श्री वीराय नमः 976. ॐ अहँ श्री अपुनर्भवाय नमः 977. ॐ अहँ श्री स्वयंभूयाय नमः 978. ॐ अहँ श्री शंकराय नमः 979. ॐ अहँ श्री ऋषभाय नमः 980. ॐ अहँ श्री अनन्त ज्ञानीने नमः 981. ॐ अहँ श्री अनन्सदशीने नमः 982. ॐ अहँ श्री विश्वव्योपने नमः 983. ॐ अर्ह संवराय नमः 984. ॐ अहँ उत्तरवैराग्याय नमः 985. ॐ अर्ह अस्तभवाटनाय नमः 986. ॐ अहँ उत्तमासेव्याय नमः 987. ॐ अहँ अधीश्वराय नमः 988. ॐ अहँ सुगुप्तामने नमः 989. ॐ अहँ परिवृढाय नमः
990. ॐ अहँ निरस्तैन्याय नमः 991. ॐ अहँ जनपालकाय नमः 992. ॐ अहँ नीलवर्णाय नमः 993. ॐ अहँ कल्याणभाग्याय नमः 994. ॐ अहँ चतुर्धामर्त्यसेविताय नमः 995. ॐ अहँ कर्मशत्रुध्नाय नमः 996. ॐ अहँ कलाधराय नमः 997. ॐ अहँ केवलिने नमः । 998. ॐ अहँ करूणान्विताय नमः 999. ॐ अहँ चतुराय नमः 1000. ॐ अहँ कल्याणमंदिराय नमः 1001. ॐ अहँ क्रियादक्षाय नमः 1002. ॐ अहँ क्रियावते नमः 1003. ॐ अहँ क्रियापात्राय नमः 1004. ॐ अहँ कीर्तिदाय नमः 1005. ॐ अहँ चन्द्रप्रभाय नमः 1006. ॐ अहँ कृपागेहाय नमः 1007. ॐ अहँ कारणंभद्रसाधवै नमः 1008. ॐ अहँ क्षेमपूर्णाय नमः
Page Navigation
1 ... 103 104 105 106