Book Title: Parmatma ka Abhishek Ek Vigyan
Author(s): Jineshratnasagar
Publisher: Adinath Prakashan

Previous | Next

Page 102
________________ 763. ॐ अहँ पुण्यदाय नमः 764. ॐ अहँ संतोषिने नमः 765. ॐ अहँ सुमतिपतये नमः 766. ॐ अहँ पुष्टिदाय नमः। 767. ॐ अहँ सिद्धरूपाय नमः 768. ॐ अहँ सर्वकारूणिकाय नमः 769. ॐ अहँ लग्नकाय नमः 770. ॐ अहँ अकर्मकाय नमः 771. ॐ अहँ हतव्याधये नमः 772. ॐ अहँ हतदुर्गतये नमः 773. ॐ अहँ मित्रयुमेध्याय नमः 774. ॐ अहँ धर्ममंदिराय नमः 775. ॐ अहँ सुभगाय नमः 776. ॐ अहँ त्रिगुप्ताय नमः 777. ॐ अहँ हृषीकेशाय नमः 778. ॐ अहँ नतदृष्टये नमः 779. ॐ अहँ शिवतातये नमः 780. ॐ अहँ शिवतातये नमः 781. ॐ अहँ अलेपाय नमः 782. ॐ अहँ हतदुःखाय नमः 783. ॐ अहँ हतानंगाय नमः 784. ॐ अहँ कदंबकाय नमः 785. ॐ अहँ सुस्वराय नमः । 786. ॐ अहँ परार्ध्याय नमः 787. ॐ अहँ शंभुशीवाय नमः 788. ॐ अहँ क्षेमंकराय नमः 789. ॐ अहँ स्तवहनार्हाय नमः 790. ॐ अहँ तपस्विने नमः ॐ अर्ह अचलात्मने नमः 792. ॐ अहँ अखिलशांतये नमः 793. ॐ अहँ अरिमर्दनाय नमः 794. ॐ अहँ अपुनरावृत्तये नमः 795. ॐ अहँ अधभंजकाय नमः 796. ॐ अहँ प्रमेयात्मने नमः 797. ॐ अहँ अगम्याय नमः 798. ॐ अहँ अनाधाराय नमः 799. ॐ अहें प्रभासराय नमः 800. ॐ अहँ अर्चिताय नमः 801. ॐ अहँ रमाकराय नमः 802. ॐ अहँ अनीालवे नमः 803. ॐ अहँ विघ्नभिदे नमः 804. ॐ अहँ अनिध्नाय नमः 805. ॐ अहँ स्तुत्यै नमः 806. ॐ अहँ हतकुलेशाय नमः 807. ॐ अहँ संयमिने नमः 808. ॐ अहँ विष्टान नमः 809. ॐ अहँ हतदुर्गताय नमः 810. ॐ अहँ सुप्रसन्नाय नमः 811. ॐ अहँ घृणालयाय नमः 812. ॐ अहँ विरागार्हाय नमः 813. ॐ अहँ हर्षसंयुताय नमः 814. ॐ अहँ अर्हाखिलज्योतये नमः 815. ॐ अहँ अमानाय नमः 816. ॐ अहँ अरिध्नाय नमः 817. ॐ अहँ अरिहंत्रे नमः 818. ॐ अहँ अरोषणाय नमः 819. ॐ अहँ अध्यात्मने नमः 820. ॐ अहँ यतीश्वराय नमः 821. ॐ अहँ उपमोपेताय नमः 822. ॐ अहँ स्वयंप्रभवे नमः 823. ॐ अहँ अतिमानाप्ताय नमः ___824. ॐ अहँ रमाप्रदाय नमः । 825. ॐ अहँ अशोकाग्रगाय नमः 826. ॐ अहँ अविनश्वराय नमः 827. ॐ अहँ अकिंचनाय नमः 828. ॐ अहँ सज्जनाय नमः (85 791.

Loading...

Page Navigation
1 ... 100 101 102 103 104 105 106