Book Title: Parmatma ka Abhishek Ek Vigyan
Author(s): Jineshratnasagar
Publisher: Adinath Prakashan

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Page 96
________________ 370. ॐ अहँ जनाधीशाय नमः 371. ॐ अहँ कृपालवे नमः 372. ॐ अहँ नीलाभाय नमः 373. ॐ अहँ क्षमयाय नमः 374. ॐ अहँ अप्रतिमायै नमः 375. ॐ अहँ छत्रत्रयविभूषिताय नमः 376. ॐ अहँ श्रीसत्कायाय नमः 377. ॐ अहँ चार्वाख्याय नमः 378. ॐ अहँ शांतिकराय नमः 379. ॐ अहँ भव्यमानवाय नमः 380. ॐ अहँ मुक्तिजानये नमः 381. ॐ अहँ कल्याणशताय नमः 382. ॐ अहँ पुंडरिकाक्षय नमः 383. ॐ अहँ लोकसिंहाय नमः 384. ॐ अहँ अयाचिताय नमः 385. ॐ अहँ चिद्रूपाय नमः 386. ॐ अहँ भद्रयुक्ताय नमः 387. ॐ अहँ अनल्पबुद्धये नमः 388. ॐ अहँ चारूमूर्तये नमः 389. ॐ अहँ कल्पवृक्षाय नमः 390. ॐ अहँ मायोच्छेदिने नमः 391. ॐ अहँ लोभहरे नमः 392. ॐ अर्ह लोकोत्तमाय नमः 393. ॐ अहँ लोकध्याताय नमः 394. ॐ अहँ सूक्ष्मदक्षेद्राय नमः 395. ॐ अहँ लोकचूडामणये नमः 396: ॐ अहँ शिष्टेष्टाय नमः 397. ॐ अहँ शांतिदाय नमः 398. ॐ अहँ चामीकरासनारूढाय नमः 399. ॐ अहँ श्रीकल्याणशासनाय नमः 400. ॐ अहँ अत्रभवान्वीराय नमः 401. ॐ अहँ प्रजाहिताय नमः 402. ॐ अहँ भव्यमानवकोटीराय नमः 403. ॐ अहँ श्रियांनिधये नमः 404. ॐ अहँ भव्याय नमः 405. ॐ अहँ बभ्रवे नमः 406. ॐ अहँ लोकनाथाय नमः 407. ॐ अहँ श्रियांनिधये नमः 408. ॐ अहँ सदोदयात नमः 409. ॐ अहँ शास्त्रविदे नमः 410. ॐ अहँ शान्ताय नमः 411. ॐ अहँ जितेन्द्रियाय नमः 412. ॐ अहं गतातंकाय नमः 413. ॐ अहँ सदाक्षराय नमः 414. ॐ अहँ अभीष्टदाय नमः 415. ॐ अहँ अनन्तजिते नमः 416. ॐ अहँ विमुक्ताय नमः 417. ॐ अहँ अमूर्ताय नमः 418. ॐ अहँ विद्यापराय नमः 419. ॐ अहँ शास्त्रे नमः 420. ॐ अहँ कमाय नमः 421. ॐ अहँ गतकल्मषाय नमः 422. ॐ अहँ शाश्वताय नमः 423. ॐ अहँ त्रिकालज्ञाय नमः 424. ॐ अहँ त्रैलोक्यपूजिताय नमः 425. ॐ अहँ व्यक्तवाक्याय नमः 426. ॐ अर्ह सर्वज्ञाय नमः 427. ॐ अहँ सिद्धाय नमः 428. ॐ अहँ प्रकाशकत्रे नमः 429. ॐ अहँ सर्वदेवेशाय नमः 430. ॐ अर्ह अमेयद्धये नमः 431. ॐ अहँ शांतिदाय नमः 432. ॐ अहँ शंभवे नमः 433. ॐ अहँ दान्ताय नमः 434. ॐ अर्ह वर्धमानाय नमः ___435. ॐ अहँ विध्नविध्वंसिने नमः

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