Book Title: Parmatma ka Abhishek Ek Vigyan Author(s): Jineshratnasagar Publisher: Adinath PrakashanPage 52
________________ ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो भगवओ अरहओ धम्मजिणस्स सिज्जउ मे भगवई महई महाविज्जा ॐ नमो भगवओ अरिहओ धम्मे, सुध्मे, धम्मचारिणी, धम्मधम्मे, सुअधम्मे, चरित्तधम्मे, आगमधम्मे, उवएसधम्मे सव्वट्ठ सिध्धे ॐ ह्रीं ठः ठः ठः स्वाहा। ५. ५. ॐ ह्रीं श्रीं अहं श्री धर्मनाथाय नमः ॐ ही श्री अहँ नमो सिध्धाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो आयरियाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहं नमो उवज्झायाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो लोए सव्वसाहूणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहं नमो जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो ओहिजिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहं नमो परमोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ सव्वोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह अणंतोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ केवली जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहं शान्तिनाथाय नमः ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो अरिहंताणं, ॐ ही श्री अहँ नमो सिध्धाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो आयरियाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो उवज्झायाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो लोए सव्वसाहूणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो ओहिजिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो परमोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहं सव्वोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह अणंतोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ केवली जिणाणं, 8 फ 86 8 86 ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो भगवओ अरहओ शान्तिजिणस्स सिज्जउ मे भगवई महई महाविज्जा ॐ नमो भगवओ अरिहओ ॐ संति संति पसंति उवसंति सव्वपावं उवसमेहिं सव्वट्ठ सिध्धे ॐ हीं ठः ठः ठः स्वाहा। ॐ ह्रीं श्रीं अहं श्री कुंथुनाथाय नमः । ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो अरिहंताणं, ॐ ही श्री अहं नमो सिध्धाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह नमो आयरियाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो उवज्झायाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो लोए सव्वसाहणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमो जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहं नमो ओहिजिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह नमो परमोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहं सव्वोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह अणंतोहि जिणाणं, ॐ ह्रीं श्रीं अहं केवली जिणाणं,Page Navigation
1 ... 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106