Book Title: Mruganka Charitram
Author(s): Ruddhichandraji
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ // 12 // 'अर्थः-अनुक्रमे कमलजेवी चक्षुओवाळो मृगांककुमार यौवनवय पाभ्यो, त्यारे तेनो पिता तेना. माटे ते नगरम मृगांक गरमा . | कन्यानो शोध करवा लाग्यो. // 51 // चरित्रम् एकस्मिन् दिवसे श्रेष्ठो पद्मावती ददर्श च / समग्रगुणमञ्जूषां शोलालङ्कारधारिणीम् // 52 // . __ अर्थः-एक दिवसे शेठे सर्व गुणनी पेटीरुप अने शीलरुपी अलंकारने धरवावाळी पद्मावतीने दीठी. // 52 / / धनञ्जयसमीपे स वाङ्गजाथै ययाच ताम् / कुमारसदृशां चैव वयसा विद्यया गुणैः // 53 // ____ अर्थः-अने धनंजयनी पासे पोताना पुत्र मृगांककुमार माटे वयथी, विद्याथी अने गुणथी योग्य ते पद्मावतीनी याचना / / करी. / / 53 // धनञ्जयस्तद्वचनमङ्गीचकार निश्चितम् / शुभ मुहूर्तमालोक्य विवाहः क्रियते ध्रुवम् // 54 // ___अर्थः-धनंजयशेठे पण तेनुं वचन अंगीकार करीने शुभ मुहूर्त जोइने विवाह करवानो निश्चय कर्यो. // 54 // तयोः शुभेऽह्नि विप्रेण विवाहस्तत्र मेलितः / पञ्चशब्दादिवादित्रैः गीतनृत्यैः पुरस्सरम् // 55 // ____ अर्थः बाद ब्राह्मणे शुभ दिवस जीइने तेओनो विवाह मेळव्यो. अने पंचशब्दादि वाजिंत्रो वागते तथा गीत अने // नृत्य थते छते, // 55 // M.P.P.AC. Gunrainasuri M.S. // 124) // 12 // Jun Gun Aaradhak Trust

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