Book Title: Mahatma Pad Vachi Jain Bramhano ka Sankshipta Itihas
Author(s): Vaktavarlal Mahatma
Publisher: Vaktavarlal Mahatma

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Page 24
________________ । (४२.) भारतेन्दु बाबू हरिश्चन्द्र, ने, इतिहास-समुच्चयान्तर्गत काश्मीर की राजवंशावली में लिखा है। कि "काश्मीर के राजबंश में ४७ वाँ अशोक राजा हुआ, इसने ६२ वर्ष राज्य किया। श्रीनगर बसाया और जैन मत का प्रचार किया। यह राजा शचीनर का भतीजा था,। मुसलमानों, ने. इसको शुकराज व शकुनी का बेटा लिखा है। इसके समय मे श्रीनगर में ६ लाख मनुष्य थे। इसकी सत्ता समय सन् १२९४. इस्वी पूर्व कहा है। (देखो इतिहास. समुच्चय पृष्ठ १८ )" और भी इतिहास समुच्चय में रामायण का समय वर्णन करते समय पृष्ठ ६ पर अयोध्याकाण्ड मे हरिश्चन्द्र जी लिखते हैं। "अयोध्या की गलियो मे जैन फकीर फिग करते थे। (बाबू हश्चिन्द्र अग्रवाल खास वैष्णव सम्प्रदाय के थे।) फिर डाक्टर फुहररने "एपिग्राफी औफ इण्डिया" के वाल्यूम २ पृष्ठ १०६-२०७ पर लिखा है। "जैनियों के बाइसवे जीर्थकर नेमीनाथ एक एतिहासिक पुरुष हैं।" भगवद्गीता के परिशिष्ट श्रीयुत 'बखे' स्वीकार करते हैं कि नेमनाथ श्रीकृष्ण के भाई थे । जब कि २२ वें तीर्थंकर श्रीकृष्ण के समकालीन थे तो शेष २१ तीर्थकर श्रीकृष्ण से कितने पहले होने चाहिये। मि. आव जे० एडवाई मिशनरी, निसन्देह जैन धर्म ही पृथ्वी पर एक सच्चा धर्म है। और यही मनुष्य का

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