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चंदजो रा पोता रुगनाथमलजी सुं वंदना वांचजो तथा थे मारा सदाबंध सुं कुलगुरु छो सो मारा वंश रा उदावत जगरामोत पीढिया लगात थारा बेटा पोता ने मानसी सं० १९८७ रा प्रथम श्राषाढ सुद १ दः कुशलराज कामदार कचहरी श्री रावला हुक्म ।
___ ठिकाना नीमाज (मारवाड़)
स्वरूप श्री ठाकुरा साहेब राज श्री उम्मेदसिहजी साहेब राज स्थान नीम्बाज खांप उदावत जगरामोत लिखावत कुलगुरु महात्मा खरतरा ,आणंदीलालजी बेटा. बिरदीचंदजी रा पोता रुगनाथमलजी सुं वंदना बाचज्यो- तथा थें मारा सदाबंध सुं कुलगुरु छो सो म्हारा वंशरा उदावत जगेरामात आपरा बेटा पोती ने मान्या जावसी सं० १९८७ प्र० असाढ़ सुद ६ मंगलवार द राठौड़ लालसिंह कामदार ।
. ठिकाना खरवा:सिंध श्री समस्थां भायां सगत सिंगोत योग खरवा थी रावजी. राज श्री गोपालसिंहजी लि. जै जगदीश्वरजी की वांचजो अपंच ॥ गांव विरजपुरा का कुलगुरुजी आणंदीलालजी पुखराजजी वेटा विरदीचंदजी का पोता रुगनाथमलजी का राठोड़ वंशका कुलगुरु है और नामा मांडवा वाला हैं और आपणा बड़ेरा का नावा भी येहीज मांडता आया है सो अबभी मोजूदा भोलाद रा नावां मांडवा ने