Book Title: Kavyaprakashkhandan Author(s): Siddhichandragani Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 6
________________ सिंघी जैन ग्रन्थमाला] [काव्यप्रकाशखण्डन - निकचत्पश्यामश्नुपरम्प नशति कवेगिरीयद्यद वादिषपुरातनै गरिकाप्रवादता दनुवातिततस्परवं.. मयानुक्ष्मनातस्यस्मन् वर्षाप्रतापनजब रिवाहिता नामानहरु ईशावतारधा सतावताकिलवावालानु वैशव्यपनवप्प २ जानुप्रताप नवप्रामादनादमिनी नाप्रताप तनोषितघनप्पधीशसम्पादमून्यामधिको मिनून ३ कचधनोपाऊमाषप्रतापयशप्रजानिर्वतलानुनी वनावशानुबारानामपियवान्दरित्रमइनामदासस्वरमा 'पारधामविकायलिधिविधानता विक्षिपदप्रतिष्टा तगड़ नानाविधायकवाकयेवंत्रपदयरला५ प्रम्हा यि ताविषपातशामिनासामपित्रीवादनावतविनव संवतामक यतायुगांतनमायातिमारतेनशैलान शामविवक्षितानवनाकिशैला ६६शिष्यत्ततामा नि तिपादशादाअकबरस्यसम्रनामाधम एकत्रीराजयताकिरामावना छानकालतविकायक मादापाध्यमान्याजवंशविशिष्माशेशतावधा नसाधनप्रतिपादकादायकबरदसत्रफदमाय रानिधान माहापामयामिश्विशाणिविरविशन काव्य प्रकाशवंडानवामउवास्तभाधा र संव१७५२ वर्षअश्वनदिपुरोलिदित . बी श्रम ॥ 11८२१९, ... - --- - --- -- काव्यप्रकाशखण्डनकी प्राचीन पोधीका अन्तिम पष्ठPage Navigation
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