Book Title: Kavyanushasana Part 1
Author(s): Hemchandracharya, Rasiklal C Parikh
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
View full book text
________________
.
४७ मधुसुरमिणि (वि.) ५४०, ३५१. मातङ्गाः किमु (अ.) ३२७, २४०. मध्ये जम्बूद्वीपम् (वि.) २२२, १८१. माता नतानां (अ.) ४६८, . ३१४. मध्येव्योम त्रिशङ्कोः (अ.) ३४६, २४३.
[रु. का. ५. ६-७] मनुष्यवृत्त्या (अ.) ८९, ८६. माद्यदिग्गज (वि.) ३९७, २५८. मनोऽधिकं चात्र (वि.) २९४, १९३. माद्यन्मतङ्ग (वि.) २९०, १९२. मनोरोगस्तीवं (अ.) १२९, १३२. माधवाय नमः (वि) ४६८, ३०४.
[मा. मा. अं. २. 'लो. १] मा धाक्षीन्मा (वि.) ३३४, २०३. मन्थायस्तार्णवाम्भः (अ.) ४२८, २९२. । माननापरुषं (वि.) ४९८, ३१६.
[वे. सं. अं. १. लो. २२] [र. का. लं. अ. ५, श्लो. १०] मन्दाकिनीसकत ७३३, ४२८. मानमस्या निराकर्तु (अ.) ६४४, ३९४.
[ कु. सं. स. १. 'लो. २९] [का. द. परि. २, "लो. २९९ ] मम दृष्टस्य राजेन्द्र (वि.) ४४२, २८६.. मा पंथ (अ.) ८२, ८४. मरुबकदमन (वि.) ९७, २८.
[स. श. ९६१] मल्लिकामालभारिण्यः (अ.) ५७०, ३६९, मा भवन्तमनलः (वि.) १४७, ७६; [ का. द. प. २ 'लो. २१५ ]
३३३, २०२. महत्तां त्वं श्रिता (वि.) ५१८, ३२०, मा भैः शशाङ्क (वि.) १०१, २८.
[ दे. श. लो. ९६] मामभीदा शरण्या (वि.) ४९७, ३१५. महर्धिनि (अ.) ५९४, ३७५.
[रु. का. लं. अ. ५, 'लो. ९] महानवम्यां (वि.) २६४, १८९. मायाविनं महाहावा (वि.) ४९६, ३१५. महाप्रलयमारुत (अ.) ३०९, २३२. [रु. का. लं. अ. ५, लो. ८]
[वे. सं. अं. ३ श्लो. ४] मारारिशक (अ.) ४६७, ३१३. महासुरसमाजे (वि.) ११८, ३२. मालतीविमुखः (वि.) ६१, २१. महिलासहस्स (अ.) १७७, १५५. मालाकार इवारामः (अ.) ३९८, २६६.
[गा. स. २. ८२ स. श. १८२] मालायमानामरसिन्धुहंसः (वि.)१२३,३३. महुएहिम् (अ.) १७, ५४.
मासि मासि (वि.) ३५, २१. [स. श. ८७७ ] मित्रं हन्तितरां (अ.) ५०, ६५. महेश्वरै वा (वि.) ४३६, २८५. मीनध्वजस्त्वम् (वि.) १०४, २९. मा गर्वमुद्रह (वि.) १७५, १४६. | मुक्ताः केलिविसूत्र (वि.) ५७६, ४०३. मा गाः पाताल (वि) २०६, १७५. मुक्तालताश्च (वि.) ३१०, १९४. . मा गाः पान्थ (वि.) ४१, १६. मुक्तिभुक्तिकृद् (अ.) ५८, ६७. मातङ्गगामिन्यः (अ.) ६४, ६८. मुदे मुरारेरमरैः (वि.) १८५, १५५;
[है. च. उ. ३. पृ. ९८]] ६१५,४६०. [शि. 4. स. ४. श्लो. ३०]
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631