Book Title: Kavyanushasana Part 1
Author(s): Hemchandracharya, Rasiklal C Parikh
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

View full book text
Previous | Next

Page 550
________________ ५२२ उपभुक्त-रस (अ.) १७०. . । एकदेशविषया (उपमा) (अ.) ३४७. उपमा (अ.) ६७, १४९, २०५, २०७, एकपद्य (अ) ३९८. २२४, २३४, २३८, ३२९, ३३९ | एकलोप' (अ.) ३४३. (लक्षण), ३४१, ३४२, ३४९, एकविषय (रूपक) (अ) ३५०, ३५१, ६५७, ४००; (वि.) ३३९, ३५०, ३५२. एकावली (वि.) ३७१. ३५६, ३६४, ३७७, ४०५. एकाश्रयत्व (रस) (अ.) १६२, १६३. उपमानाक्षेप (अ.)३७२. एकासकृदावृत्ति (अ.) २९५. उपमावाचकलोप (अ.) ३४३. एकोनत्रिंशत् (अर्थालंकार) (अ.) ३३९; उपमेय (वि.) ३४९. (वि.) ३३९. उपमेयोपमा (अ.) ३४७. | ऐकपद-सङ्कर (अ.) ४०१. उपरंजन (वि.) १००. ऐन्द्रजालिक (वि) ४५५. उपलाक्ती (वि.) १८३. ऐन्द्री (दिश) (वि) ९८४. उपवन (वि.) ११९. ऐरावती (वि.) १८३. उपस्थायिका (वि.) ४४४. ऐशानी (वि.) १८४. उपहसित (वि.) ११५. ओजस् (अ.) २९१; (वि.) २७४, २७५, उपाख्यान (वि.) ४६३. २७६, २७७, २८७, २८९. २९४. उभय (= पद-वाक्यदोष) (अ.) २२६ ओजोलक्षण (अ.) २९०. ओजोव्यञ्जक (अ.)२९०, २९१: उभयालङ्कार (अ.) ४०१ औग्य (अ.) १०७, ११६, ११७, ११९, उरस्थानस्थ (मन्द्रवर) (वि.) ३३५. उर्वशी (वि.) ७, ४३३. __ १२६, १२७, १३५ (लक्षण); (वि.) १२२. ऊर्ज (वि.) १८८. . औचित्य (अ.) ६५; (वि.) १०२. फर्जस्विन् (अलंकार) (अ.) ४०४, औत्सुक्य अ.) १०५, ११०, ११६, ऊढा (परस्त्री) (अ:) ४२१: १२६, १२७, १२८, १३३ (लक्षण), ऋतु' (वि.) १८५, १९६, १५०; (वि.) ३३५. [ऋतु] प्रौढि (वि.) १९६. औदार्य (अ.)४०६, ४०९ लक्षण, ४२८ ऋतुवर्णन (वि:) ४५८. (स्त्री-अयत्नजअलंकार), ४३० ऋतुशैशव (वि.) १९६. (लक्षण); (वि.)२८७, २८८. ऋद्धि (वि.).४३४. औपाधिकी (प्रतिभा) (अ.). ६.. एक (अ.) (भाषा' लेष) ३३०. कंस (वि.) ३०४. एककर्तकत्व (अ)३. कच्छीय (वि.) १८३. एकघनता (वि.) ९८. | कन्चुकिन् (वि.) ४०४.' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631