Book Title: Kavyanushasana Part 1
Author(s): Hemchandracharya, Rasiklal C Parikh
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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गाथासप्तशती (अ.) ४७, ५३, | बालरामायण (अ.) ३९, २२२, २३२, गाथासप्तशतक ५४,५५,५६, ५, २५३, ३७५; (वि) १८५, १९१. ६०, ६१, ६२, ६३, ६७, ७२, | भक्तामरस्तोत्र (अ.) १०७.. ८४, ८७, ११२, १५२, १५५, | भगवद्गीता (अ.) ७९; (वि.) १०, २१२, ३५७, ३६८,३७७, ३८९, |
२७०, ३१७. ३९६, ४१८, ४२५; (वि.) ५२, भट्टिकाव्य (अ.) ३७०. . ७८, ३९..
भर्तृहरि-नीतिशतक (अ.) ३६७; (वि.). चित्रभारत (वि.) ११. छलितराम (अ.) २९३.
, वैराग्यशतक (अ.) १२२, १२९, छन्दोनुशासन (अ.) २१४; (वि.) ७.
२६७. जानकीहरण (वि.) ९. .
,, शृङ्गारशतक (अ.) २६३. तापसवत्सराज (वि.) १५२, १७३.
भल्लटशतक (अ.) ३९, १५५, २०८, तिलकमजरी (अ.) ३२८.
२७२, ३६६ (वि.) ३५९, ३६०, दशरूपक (अ.) ४०६.
३६१, ३८९. दशरूपकवलोक (अ.) १३४, ४१३, भोजप्रबन्ध (अ.) २७२. . .
४२६, ४२५; (वि.) १४१. मनुस्मृति (वि.) १८३, ३१७. देवीशतक (अ.) २९९, ३०१, ३१४, महाभारत द्रोणपर्वन् (वि.) ३४१; .
३३२, ३३८, (वि.) ३११, ३१६, भ.. गी.. (अ.) ७९; (वि.)
३१५, ३१८, ३१९, ३२०, १०, २७०, ३१७. . ३२१, ३२६, ३२७,
शांतिपर्वन् (अ.) १५२. ध्वन्यालोक (अ.) १६२, १९९, ३३३, महावीरचरित अ.)८६, १२८,१३३, १३५,
३७८; (वि.) ४७, १४७, ३०७. २१३, २२०, २४१, २६२, ४०७, नवसाहसांकचरित (अ.) ३७०, ३७६. ४०९; (वि.) १४१, २८८. नागानन्द (अ.) १६३, २१९, २४४, | मालतीमाधव (अ.) ११३, ११९, १३१, ४०९, (वि.) १६३.
१३८, २४७, ३२१, ४२५, ४३०; नाटयशास्त्र (अ.) १०८, ११४, ११५, (वि.) १६८, २५६.
११५, ४११, ४२२, · ४२३, । मुद्राराक्षस (अ.) १३६, ३५४; (वि.) ४३६, ४४३, ४४५; (वि.) ८८, | २८८. ८९, ९०, ९१, ९५, ११५, १४३, | मृच्छकटिक (अ.) ३९७, ३९८. २७०, ३३३, ३३४, ३३५, मेघदूत (अ) ४१, ८४, १४८; (वि.)
२३, ३२, ४१, १८५. पथकादम्बरी (वि.) ११.
याज्ञवल्कयस्मृति (वि.) ४६२.
३३६, ४३३.
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