Book Title: Kalpantarvcahya
Author(s): Pradyumnasuri
Publisher: Sharadaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 39
________________ ३०] - महावीरजन्म [कल्पान्तर्वाच्यः अह सत्तमंमि मासे गब्मत्थो चेवऽभिग्गहं गिण्हे। नाहं समणो होहं अम्मा-पियरंमि जीवंते॥३१८॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जे से गिम्हाणं पढमे मासे, दुच्चे पक्खे चित्त-सुद्धे, तस्स णं चित्तसुद्धस्स तेरसीदिवसेणं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं विइक्कंताणं उच्चट्ठाण-गएसु गहेसु, पढमे चंदजोगे, सोमासु दिसासु वितिमिरासु विसुद्धासु, जइएसु सव्वसउणेसु पयाहिणाणुकूलंसि भूमिसप्पंसि मारुयंसि पवायंसि निप्फण्ण-मेइणीयंसि कालंसि, पमुइअ-पक्कीलिएसु जणवएसु, पुव्वरत्ता-वरत्त-काल-समयंसि हत्थुतराहिं नक्खत्तेणं चंदेण जोगमुवागएणं ति॥ सूत्र ६६ ॥ अचेयणाओ दिसाओ पसेउ पमुइयाइ वा। वाया वि य सुह-फासा मंदं मंदं च वायंति ॥ ३१६ ।। उज्जोओ लोय-तिए निनाइया देवदुंदुही पवरा। अवि नारया पहट्ठा पुढवी पावेइ ऊसासं ।। ३२०॥ अह(हो)लोग-वासिणीओ दिसा-कुमारिओ अट्ठ जिण-जम्मं । ओहीए नच्चा णं आगया तत्थ सूइ-गिहे ।। ३२१ ॥ भोगंकरा भोगवई सुभोया भोयमालिणी। तोयहारा विचित्ता य पुष्पमाला अणिंदिया। ३२२ । नत्ता पहुं जणणि-जुयं कुणंति ईसाणए य सुइ-गेहं । संवत्तग-वाएणं भू-सुद्धिं जोयण-पमाणं ।। ३२३॥ मेहंगरा मेहवई सुमेहा मेहमालिणी। सुवच्छा वच्छमित्ता य वारिसेणा बलाहिगा ।। ३२४॥ एया उ उड्ड-लोया पत्ता समाउयं जिणं नमिउं । गंधंबु-पुप्फवासं कुणंति एया कुमारीओ।। ३२५ ॥ अह नंदुत्तरा नंदे आणंदा णंदवद्धणा। विजया वेजयंती य जयंती चापराजिया ॥ ३२६ ।। एया उ पुव्व-रुयगा आलोगत्थं धरंति दप्पणयं । बहु भत्ति-जुया पत्ता जणणि-जुयं जिणवरं नमिउं ।। ३२७॥

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