Book Title: Kalpantarvcahya
Author(s): Pradyumnasuri
Publisher: Sharadaben Chimanbhai Educational Research Centre
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शब्द अकप्प अट्टणसाला अड्डय अणुकंपय अणुच्चाकुच्च अणुमय अणुंधरी अपडिण्णत अमच्च
अट्ठ
अववाद अवामंसा अहातच्च अहामग्ग अहालंद अहासुत्त अंतकृत् अंतर अंतरवास आयतन आयरिय आयामग आराहित आहत आहोधिय
|| अहम् ॥ कल्पचूर्ण्यनतर्गतानां विशिष्टार्पिकाणां शब्दानां सूची पत्र-सूत्रांक शब्द पत्र-सूत्रांक शब्द ११८-२८५ उत्तर
११५-२५६ ढोतितेल्लग १११-६१ | उत्तिंगलेण ११६-२७२ | णगर ११७-२८१ | उदगरय ११५-२५४ | णट्ट
१११-६० | उवज्झाय ११६-२७४ | णहसिहा ११७-२८१ | उवातिणावेत्तए ११८-२८४ | णिगम ११४-२३६ | उस्सण्ण
११७-२८२ | णेह ११३-१३१ | उस्सेदिम ११४-२४६ | तन्त्री ११६-२६२ | ओराल
१११-४ | तल ११२-६२ कट्ठकरण ११२-१२० | तलवर ११६-२६१ कड
११४-२३६ तलाहतिया ११६-२६१ कणगफुसित ११५-२५३ ताल ११२-१२३ कल्लाण
१११-४ | तालमूलग ११६-२६० कारण १२०-२६१ | तिप्पणिज्ज ११६-२६० काल
१११-१ तिलोदग ११३-२३२ | कालगत ११२-१२३ | तीरित ११६-२६० | किट्टित
११६-२६० | तुडिय ११२-१२३ कुडसीसय
१०७ तुसोदग ११५-२५६ कुंथु
११३-१३१ तोदणं ११२-१२२ कोडुंबिय ११२-६२ | थेज्ज ११७-२८२ | गणग
११२-६२ | थेर .. ११६-२७४ | गणणायग ११२-६२ दक्ख ११४-२४८ | गणावच्छेइय ११६-२७४ | दग ११६-२६० | गणि
११६-२७४ | दगफुसित १११-१४ | गीय
१११-१४ | दप्पणिज्ज ११२-१११ चाउलोदग ११४-२४६ | दंडणायग ११२-६२ | चेडग
११२-६२ | दीवणिज ११२-६२ | छेद
११२-६१ धण्ण ११७-२८१ | जवोदग ११४-२४७ निउण ११६-२७२ | जीवितारिह ११२-७८ निगिज्झिय
पत्र-सूत्रांक ११५-२५७ ११२-६२ १११-१४ ११६-२६३
११२-६२ ११७-२८१ १११-१४ १११-१४ ११२-६२ ११४-२३६
१११-१४ ११६-२७२
११२-६१ ११४-२४७ ११६-२६०
१११-१४ ११४-२४७ ११३-२३८ ११४-२३६ ११६-२७४
११२-६१ ११५-२५४ ११५-२५४ ११२-६१ ११२-६२ ११२-६१
१११-४ ११२-६१ ११५-२५७
इब्भ
ईसर उच्चाकुच्च उज्जुग
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