Book Title: Jivajivabhigama Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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तृतीय प्रतिपत्ति - विमानों के वर्ण
२७३
गोयमा! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-संखेजवित्थडा य असंखेजवित्थडा य, जहा णरगा तहा जाव अणुत्तरोववाइया संखेजवित्थडे य असंखेजवित्थडा य, तत्थ णं जे से संखेजवित्थडे से जंबुद्दीवप्पमाणे असंखेजवित्थडा असंखेजाइं जोयणसयाइं जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ता॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! सौधर्म-ईशान कल्प में विमानों की लम्बाई-चौड़ाई कितनी है? उनकी परिधि कितनी कही गई है? - उत्तर - हे गौतम ! विमान दो तरह के हैं - १. संख्यात योजन विस्तार वाले और २. असंख्यात योजन विस्तार वाले। जिस प्रकार नरकों का कथन किया गया है उसी प्रकार यहाँ भी समझ लेना चाहिये यावत् अनुत्तरोपपातिक विमान दो प्रकार कहे हैं - १. संख्यात योजन विस्तार वाले और २. असंख्यात योजन विस्तार वाले। जो संख्यात योजन विस्तार वाले हैं वे जंबूद्वीप प्रमाण हैं और जो असंख्यात योजन विस्तार वाले हैं वे असंख्यात हजार योजन प्रमाण और परिधि वाले कहे गये हैं।
विमानों के वर्ण सोहम्मीसाणेसु णं भंते! कप्पेसु विमाणा कइवण्णा पण्णत्ता?
गोयमा! पंचवण्णा पण्णत्ता, तंजहा-किण्हा णीला लोहिया हालिद्दा सुक्किल्ला, सणंकुमारमाहिंदेसु चउवण्णा णीला जाव सुक्किल्ला, बंभलोगलंतएसु तिवण्णालोहिया जाव सुक्किला, महासुक्कसहस्सारेसु दुवण्णा-हालिद्दा य सुक्किल्ला य, आणयपाणयारणाच्चुएसु सुक्किल्ला, गेविजविमाणा सुकिल्ला, अणुत्तरोववाइयविमाणा परमसुक्किल्ला वण्णेणं पण्णत्ता। • भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! सौधर्म ईशान कल्प में विमान कितने रंग के कहे हैं ?
उत्तर - हे गौतम! पांचों वर्गों के विमान कहे गये हैं। यथा-काला, नीला, लाल, पीला और सफेद। सनत्कुमार और माहेन्द्र कल्प में विमान चार वर्ण के हैं - नीला यावत् सफेद। ब्रह्मलोक और लान्तक कल्प में विमान तीन वर्ण के हैं - लाल यावत् सफेद। महाशुक्र और सहस्रार कल्प में विमान दो वर्ण के हैं-पीला और सफेद। आनंत, प्राणत, आरण और अच्युत कल्पों में विमान सफेद रंग के हैं। ग्रैवेयक के विमान भी सफेद रंग के और अनुत्तरौपपातिक विमान परम शुक्ल रंग के हैं।
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