Book Title: Jivajivabhigama Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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जीवाजीवाभिगम सूत्र
विशेषाधिक, उनसे सूक्ष्म अप्कायिक विशेषाधिक, उनसे सूक्ष्म वायुकायिक विशेषाधिक, उनसे सूक्ष्म निगोद असंख्यातगुणा उनसे सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अनंतगुणा, उनसे भी सूक्ष्म विशेषाधिक हैं। इसी प्रकार सूक्ष्म अपर्याप्तकों एवं सूक्ष्म पर्याप्तकों का अल्पबहुत्व भी समझना चाहिये।
प्रश्न - हे भगवन् ! सूक्ष्म पर्याप्तकों और सूक्ष्म अपर्याप्तकों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े सूक्ष्म अपर्याप्तक हैं उनसे सूक्ष्म पर्याप्तक संख्यातगुणा हैं। इसी प्रकार यावत् सूक्ष्म निगोद तक कह देना चाहिये।
एएसि णं भंते! सुहुमाणं सुहुमपुढविकाइयाणं जाव सुहुमणिओयाण य पजत्तापज्जत्ता० कयरे कयरे हिंतो०?
गोयमा! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपजत्तगा सुहुमपुढविकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया सुहुमआउअपज्जत्ता विसेसाहिया सुहमवाउअपज्जत्ता विसेसाहिया सुहुमतेउकाइया पज्जत्तगा संखेजगुणा सुहुमपुढवि-आउवाउपजत्तगा विसेसाहिया सुहमणिओया अपजत्तगा असंखेजगुणा सुहुमणिओया पज्जत्तगा संखेजगुणा सुहुमवणस्सइकाइया अपजत्तगा अणंतगुणा सुहुमअपजत्ता विसेसाहिया सुहुमवणस्सइपजत्तगा संखेजगुणा सुहमा पज्जत्ता विसेसाहिया॥२३३॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! इन सूक्ष्मों, सूक्ष्म पृथ्वीकायिकों यावत् सूक्ष्म निगोदों में और पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक, उनसे सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक, उनसे सूक्ष्म अप्कायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक, उनसे सूक्ष्म वायुकायिक
पर्याप्तक विशेषाधिक, उनसे सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक संख्यातगुणा, उनसे सूक्ष्म पृथ्वीकायिक, सूक्ष्म अप्कायिक सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक क्रमश: विशेषाधिक, उनसे सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणा, उनसे सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक संख्यातगुणा, उनसे सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक अनंतगुणा, उनसे सूक्ष्म अपर्याप्तक विशेषाधिक, उनसे सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक संख्यातगुणा
और उनसे सूक्ष्म पर्याप्तक विशेषाधिक हैं। ___ विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में सूक्ष्म जीवों का पहले सामान्य फिर अलग-अलग और अंत में शामिल अल्पबहुत्व कहा गया है।
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