Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1918 Book 14
Author(s): Mohanlal Dalichand Desai
Publisher: Jain Shwetambar Conference
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भकाश।
सभापति शेठ खेतशीभाईका व्याख्यान.
(३) ( प्रमुखके तरफसे ) शोक प्रकाश । यह कान्फ्रेन्स जैन समाजके एक झलकते हुए अमूल्य रत्न सर्व सम्मानित श्री द्वितीय जैन कान्फ्रेन्सके प्रमुख कलकत्ता निवासी राय बद्रीदास मुकीम बहादुर की मृत्युपर हार्दिक शोक और उनके समस्त कुटुम्ब परिवारके प्रति अपनी सहानुभूति प्रकाश करती है।
(४) हिन्दू युनिवर्सिटी और जैन कोम. बनारसमें हिन्दू युनिवर्सिटीमें जैन विद्यार्थियोंकी अच्छी संख्या होनेकी • आशा की जाती है और यह कान्फ्रेन्स वहांके कार्यवाहकोंसे आग्रहपूर्वक निवेदन करती है कि जब हिन्दू युनिवर्सिटीका अभ्यासक्रम नियत करनेका प्रबन्ध होवे उस समय हिन्दु धर्मका पठनक्रमके साथ जैन धर्मग्रन्थोंको भी उचित स्थान देवें और इस कार्यके लिये फण्ड वगैरहकी योजना और स्कोलरशिप आदिके लिये जो जैन कौमके मेम्बरान मुकर्रर हुए हैं उनको पूरी पूरी सहायता देनेके लिये यह कान्फ्रेन्स जैन श्रीमंतोंसे सूचना करता है।
दरखास्त-रा. रा. मकनजी जे. म्हेता वारिष्टर मुंबई। अनुमोदक-राजा सत्यानन्द प्रसाद सिंह. बनारस । वि०,,-बाबू राज कुमार सिहजी. कलकत्ता। [आ वखते हिंदु युनिवर्सिटीमां जैन विद्यार्थीओ माटे तेमज जैन धर्म शिक्षण माटे जोइता फंडनी अपील थतां घणी सारी रकमो भराइ हती के जेनी विगतवार टीप आमां छेवटे आपवामां आवी छे. पछीथी ते संबंधी कमिटी नीमवामां आधी हती.] ___ आ कमीटिना सेक्रेटरी तरीके कलकत्ताना बाबुसाहेब राजकुमारसिंहजी ने निमवामां आव्या छे. तेओ ए फंडमां भरायेल रकमो वसुल करीने ते रकम हाल बेंगाल बैंकमा राखवानो निर्णय करेल छे. ,
कमीटिना मेम्बरोना नामो. शेठ हीरजी खेतसी
शेठ कुंवरजी आणंदजी ,, लालभाई कल्याणभाई , वालचंद हीराचंद रा. रा. गुलाबचंदजी ढट्ठा M. A. बाबु दलेलसिंहजी महाराज बहादुरसिंहजी बाबु राज कुमार सिंहजी सेक्रेटरी. राजा विजेसिंहजी
,, पुरणचंदजी नाहर M. A. B. L.