Book Title: Jain Satyaprakash 1936 11 12 SrNo 16 17
Author(s): Jaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
Publisher: Jaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad

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Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ૧૯૯૩ भडावीर-यरित्र-भीमांसा ૧૩૭ 'ख' चरित्र मेंढियगाम से भगवान को सीधा राजगृह की तरफ विहार कराता है । 'ग' चरित्र के मत से मेंढियगाम से भगवान् 'हलि' के गाम जाते हैं, वहां से पोतनपुर जा कर राजा प्रसन्नचन्द्र को निर्ग्रथप्रवचन की प्रव्रज्या देते हैं और फिर राजगृह जाते हैं । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (७) 'ख' चरित्र राजगृह के इसी समवसरण में राजा श्रेणिक की विद्यमानता में मेघकुमार, नन्दीपे की दीक्षा का निरूपण करता है 1 'ग' चरित्र समसवरणस्थित एक देव के सातवें दिन च्यवने और जम्बू का अवतार लेने की बात भगवान के मुख से श्रेणिक को कहलाता है 1 (८) 'ख' चरित्र के अनुसार भगवान् हालिगाम जाते हैं । 'ग' चरित्र के कथनानुसार भगवान् राजगृह से चम्पा जाते हैं, जहां से गौतम पृष्टचम्पा जा कर सालमहासाल को प्रवज्या देते हैं । (९) 'ख' चरित्र के अनुसार महावीर 'हलि' गाम के बाद अपना विहार तामलिप्ति, दशार्णपुर, वीतभय, चम्पा, उज्जयिनी, गजपुर काम्पिल्य, नन्दिपुर, मथुरा प्रमुख नगरों की तरफ लंबाते हैं और वहां पर क्रमशः प्रसन्नचन्द्र, दशार्णभद्र, उदायन, सालमहासाल प्रमुख राजाओं को दीक्षा देते हैं, तथा चण्डप्रयोत, अरिमर्दन, जितशत्रु वगैरह राजवर्ग को श्रावक धर्म में स्थापित करते हैं । 'ग' चरित्र के मत से उस समय भगवान् चम्पा से बिहार कर जाते हैं, और कालान्तर में फिर वहां जाते हैं तब गौतम सालमहासाल मुनि के साथ पृष्टचम्पा जाते हैं। और पिटर, गागली तथा यशोमती को दीक्षा देते हैं । (१०) 'ख' चरित्र के मत से भगवान् फिर राजगृह जाते हैं। अभयकुमार सहित श्रेणिक उनको वंदन करने जाते हैं। एक दिन श्रेणिक के प्रश्न पर भगवान् दर्दुरदेव की कथा कहते हैं। श्रेणिक अपनी भावि गति पूछते हैं । और भगवान् उस को उत्तर देते हैं और श्रेणिक अपनी तरफ से दीक्षा की आम पर्वानगी देते हैं और अनेक राजकुमार, रानियां, प्रधान और रोटसाहूकार भगवान के पास दीक्षा ग्रहण करते हैं । 'ग' चरित्र के अनुसार पिटर आदि की दीक्षा के बाद गौतम अष्टापद जाते हैं। और पंद्रह सौ तापसों को प्रतिबोध होता है । भगवान् अंबड परिव्राजक द्वारा सुलसा को प्रवृत्ति पूछते हैं । For Private And Personal Use Only

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