Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation

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Page 56
________________ 16 Letest god lu ४:४ hkd Ix+ DIFLIX'S KEN GRE TARISA ६०४६) ADU エト ९४ 1808C+Dx8 ४] NOT CR BAL 145-01 26,6. ECK PAK$18 KUTKALAUDE XPERDRY OED & सम्राट अशोक के गिरनार पर्वत की तलहटी में प्राप्त तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम शिलालेख, जिनमें सम्राट अशोक ने अपने साम्राज्य में शान्ति-व्यवस्था, सर्वधर्मसमन्वय, प्राणि-हत्या-निषेध तथा सुशासन हेतु नियुक्त विविध अधिकारियों के कर्त्तव्यों एवं अधिकारों की चर्चा की है। (काल ई. पू. चौथी सदी, लिपि-ब्राह्मी, भाषां प्राकृत)

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