Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation
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सुजातोपदेशाएदाल कपिरेखीयासाधकदैजीचकनवम्हपास देहस्टेटले काळतो लागतफाको हादरलपासोवतानानीदनान एकधारोमानका२राम-मननारमेटेनारमेयम्यान लसम्मानचिनोटनगम एकधाोध्यान का जोगनसाथ्याजोगी जिउनगवानकामरागराचायाधी कधारोमानक०४ च्यायोचिंकमननांगणाटयाराजानजेम्समरेनिंकबनने एकछयारोमानक०५श्वरला 'स्खेतारमंतीनहीनदयानधिकत्तापरणामदराबे एकथारोमानक०६पास्पानापाली साधिराशमान मेहनाजलसाथिमनसा एकटारोमानक०७ मूंदडामुकवयकेरीगालेरेधरे जालिएकदिनापकाराललदे
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हनुमान सीता का पता लगाकर तथा सीता की पहिचान-मुद्रा राम को अर्पित करते हैं।

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