Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation
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जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख
- १६, ४५
कल्पद्रुम पूजा
- २५ कल्पसूत्र कल्याणकारक (उग्रादित्यकृत आयुर्वेदिक ग्रंथ)
-६० कविराजमार्ग (कन्नड़ का
लाणग्रंथ) कसायपाहुड
- १५, ४५ कस्तूरचन्द्र कासलीवाल (डॉ.) - ८२ कस्तूरी
५८ कांगडा काँची
- १३
-६६
काजू
- ४२
- ५०
७४
काणूर गण
३१ कातन्त्र व्याकरण - ६४, कात्यायन कादम्बरी कान्तार-चर्या कायस्थ (जाति) कारंजा
- ६६, ७६, ७६ कार्तवीर्य (राजा)
-३३ कार्तिकेय (स्वामी, आचार्य)-१५, २६, ३७ कालन (शिलाहार सेनापति) - ३३ कालपी
- ४६ कालापक (व्याकरण) कालिदास (नाग, डॉ.) कालिदास (महाकवि) - ५, १६, ३७,
६८, ७५ कावरि (फारसी) = प्राणि विशेष - ५७ काव्य-पिशाच (महाकवि पुष्पदन्त की उपाधि)
- ७१ काव्य सुधा-धारा
- २६ काशगर (अफगानिस्तान का एक
सांस्कृतिक नगर) - ६२ काशी
- ४१ काश्मीर
६५, ६८
काष्ठपत्र काष्ठ पट्टिका (पाण्डुलिपि सम्बन्धी) - २ काष्ठासंघ (भट्टारकीय __परम्परा) कॉस्य (प्राच्यकालीनलेखनोपकरण-सामग्री) काँची (राजधानी नगर) -२७ किन्नर-लिपि किरातार्जुनीयम-महाकवि
भारवि कृत कीरी (लिपि) कीर्तिदेव (कदम्ब-शासक) - ३४ कीर्तिरत्न (कवि)
- ४५ कीर्तिवर्मा (कन्नड़ कवि) - २६ कीर्तिस्तम्भ (कवि) कीर्तिसिंह (तोमरवंशी राजा)- ४२, ४३ कीर्तिस्तम्भ (राजा अनंगपाल
तोमर द्वारा दिल्ली में निर्मापित)- ४२ कुतुबुद्दीन ऐबक - ४२, ७३ कुतुबमीनार
- ४२, ७३ कुतुब्बुल-इस्लाम (मस्जिद का नाम)-७३ कुन्दकुन्द (आचार्य) – १२, १५, २६, ३७.
६८, ७१ कुन्कुन्दभारती (दिल्ली) कुन्दकुन्दान्वयी कुन्थलगिरि कुप्पटूर (नगर) कुमारपाल-प्रबंध (जिनमण्डल गणि)कुमारपाल चालुक्य नरेश कुमारवटुक (राज्याधिकारी) कुमारसम्भव (महाकवि
कालिदासकृत) कुमारीपर्वत (भुवनेश्वर) कुमुदेन्दु योगी कुरलकाव्य

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