Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation
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१०१
- ३२
जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख श्रुत जैनागम
- १४ श्रुतकीर्ति भट्टारक श्रुतकीर्तिदेव (कन्नड कवि) - ३४ श्रुतकेवली (आचार्य) श्रुति-वैदिकागम षट्कर्मोपदेश (अमरकीर्ति
कृत) अपभ्रंश षट्खण्डागम
- ७, ५४, ८० षट्पदिसाहित्यकार
- २६ संख्यालिपि
- १३ संगम-साहित्यकार संसद (Board of Academicians) संघात राष्ट्रकुल (United
states of Tamil) संपुटक-ताडपत्रीय __पाण्डुलिपि-प्रकार संस्कृत-पंचतंत्र सगु (श्वान) फारसी शब्द सत्प्ररूपणा सत्यपुत्र (दक्षिणापथ का एक देश)
- १५, १८ सत्याश्रय (राजा) सन्मति प्रकरण (सिद्धसेन कृत) - समत्तकउमुइकहा समन्तभद्र (आचार्य) - - १५, ६३ समवायांग सूत्र
-६ समस्या पूर्ति
- ७० सम्मत्तगुणणिहाणकव्व-(अपभ्रंश अप्रकाशित काव्य) - ४४, सम्मेदगिरि सम्मेदशिखर सम्यक्त्व कौमुदी कथा सम्यक्त्वचूड़ामणि
- ३४ सम्यक्त्वाराशि (कर्नाटक
का मध्यकालीन सेठ)
सयलविहिविहाणकव्व (नयनन्दि कृत) ___ अपभ्रंश काव्य, त्रुटित) - ५८ सयूरगान
- ५१ सल (होयसल वंश)
- ३४ सलाम (फारसी) = नमस्कार सलीम (शासक) सलेत्तोर (बी.ए., डॉ.) सवतिगन्धवारणबसदि
- ३४ सर्वनन्दि आचार्य (लोकविभाग
के लेखक) - ४०, ४७, सर्वभूतरुदग्रहणी-लिपि - १३ सर्वरुत्संग्रहणी-लिपि
- १३ सर्वसार संग्रहणी-लिपि सर्वासलरुदग्रहणी-लिपि - १३ सर्वानन्दिसूरि सर्वौषधिनिष्यन्दलिपि - १३ सांतरवंश सागरलिपि सागारधर्मामृत साधारण साहु साधुकीर्ति सामायिक (संस्कृत की प्रार्थनाओं
का संग्रह) सारसंग्रह (पूज्यपाद कृत) सार्थवाह सालिग्राम (एक विस्मृत नगर) साहसतुंग नरेश
- ३२ सिंहनन्दि आचार्य - २८, ३१ सिंहलदेश
- १४, १८, २८ सिकन्दर
- ४ सिकन्दराबाद
__ - ४६ सितारिका (फारसी) = कावरि (प्राणी
विशेष) सिद्ध (सिंह) महाकवि
(पज्जुण्ण चरिउकार) - ५६
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७३, ७४
३३

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