Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation

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Page 130
________________ जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख लुइस राइस (इतिहासकार) - ३२ लेख-प्रतिलेख-लिपि - १३ लेख्यवृक्ष - ५ लोक विभाग (सर्वनन्दि कृत), __अनुपलब्ध ग्रंथ लोपांग (चीन) लोहा (एक धातु, प्राचीन लेखनोपकरण सामग्री) वज्रलिपि - १३ वडली (नगर, अजमेर) - २, ३, १०, ३४ बडकहा (गुणाढ्यकृत, लुप्तग्रंथ) - ६२ वरंगचरिउ वर्णी जैन संस्थान, नरिया वाराणसी वर्धमंगल (खारवेल शिलालेख में उत्कीर्णित चिन्ह) वर्धमान-सुदत्त (आचार्य) वर्धमानपुर (वाढवाण, गुजरात) वनवासी वल्लिगामें (कर्नाटक का एक जैन केन्द्र) - २८ वसुनन्दि (श्रावकाचार के लेखक) - २६ वहसतिमित्त-वृहस्पतिमित्र (मगध-सम्राट) वाटनगर (कर्नाटक की प्राचीन जैन विद्यापीठ) - ३८ वादामी (गुफाएँ कर्नाटक) वादिराजसूरि ___ - २६, ३६ वादीभसिंह वायुमह लिपि - १३ वाराणसी - ६०, ६१ वाशिंगटन (अमेरीका) - ६१ वासुदेवशरण अग्रवाल डॉ – ६, ३६, ८२ वस्तु निर्माण - २६ विक्टोरिया (ब्रिटेन की महारानी) - ४३ विक्रम राजा । विक्रमादित्य राजा विक्षेपावर्त्त-लिपि विजयण्ण (कन्नड कवि) विजयदेव पण्डित (कन्नड कवि) विजयसेन सूरि विटुला विदर्भ विद्यानन्द (राष्ट्रसंत, आचार्य) – १७, ३१, ३६, ७६ विद्यानन्द महोदय (लुप्त ग्रंथ) - ६३ विद्यानन्दि (आचार्य) - ६४ विद्यानुलोम-लिपि विद्यावती जैन (डॉ.) - ६७. विबुध श्रीधर (अपभ्रंश ___कवि) - ४२, ४८, ५६, ६५, ७३ विमलचन्द्र पण्डित देव - ३५ विमलसूरि आचार्य (हरिवंशचरियं लुप्त के लेखक) विमिश्रिता लिपि वियेना (ऑस्ट्रिया) विलियम जोन्स (सर डॉ.) विवलियोथिक ग्रंथागार (पेरिस) - ६१ विष्णु (कन्नड सेनापति) -३१ विष्णुपुराण विष्णुवर्धन (होयसल नरेश) - ३१, ३३, ३४ विष्णु शर्मा (पं.) पंचतंत्रकार विशाख आचार्य - १३, १८ विश्वनाथ दास (उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री) विंसेटस्मिथ (इतिहासकार) वीरकवि (अपभ्रंश जंबूस्वामी चरिउकार)

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