Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation

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Page 127
________________ ६६ जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख भानुचन्द्र-सिद्धिचन्द्र गणि मध्याक्षर-लिपि (कादम्बरी के टीकाकाकर)- ५०, ५१ मनुष्यलिपि भारत -७, १६, १७, ३०, ४३, मम्मणवाहण (विस्मृत नगर) ६२, ६४, ७०, ७६ मम्माणिक-पाषाण भारमल्ल कछवाहा (शासक) - ४७ मयूरपिच्छी। भारवि (संस्कृत महाकवि) - ३५ मरेय (कर्नाटक का सेठ) भावसेन-त्रैविद्य -६५, ६६ मद्रास भावी-जिन - ७२ मलिकवाहण (विस्मृत नगर) भास कवि - ३७ मल्लिषेणसूरि भुवनेश्वर (उड़ीसा) - २, १६ महमद (फारसी शब्द) = ईश्वर -५६ भूटान (देश) - ६२, ६५, ६७ महमूदशाह (सुल्तान) - ४६ भूर्ज (भोज वृक्ष या पत्ता) - ४, ५ महाचंद (अथवा महिंदु भूतबलि (आचार्य) - १०, १२, १४, अपभ्रंश कवि) १५, १६, ३६ महाधवल - ७, ८२ भूतलिपि - ११, १२ महापुराण (जिनसेन) - ८, ६३, ७५ भोज (राजा) - ४२, ५८ ___ महापुराण (कूची भट्टारककृत) शौरसेनी प्राकृत भोज-पत्र (प्राच्यकालीन ग्रंथ, वर्तमान में अनुपलब्ध - ६३ लेखनोपकरण सामग्री) -५ महापुराण-अपभ्रंश (पुष्पदन्त) - ६४, ७५ भोजक (प्राचीन महाराष्ट्र महाबल (कन्नड कवि) - का एक देश) महाभारत भोट (भूटान देश) महाभाष्य व्याकरण भोमदेव लिपि (पतंजलि कृत) मंगरस (सूपशास्त्र के महामद (महामात्य) - २७ कन्नड़ लेखक) - २६ महाराष्ट्र -२०, २१, मंगोलिया (देश) -४७, ६२, ६५, ७७ __ महावंश - १८, २८ मगध __ - १३, १७, २०, २३ महावार्तिक -६३ मगध नरेश महाविजय प्रासाद - २६ मगध-लिपि -- ११ महावीर (तीर्थकर) मगध सम्राट महावीरचरिउ (जयमित्र हल्ल मगस (फारसी) = मक्खी कृत त्रुटित, अप्रकाशित) - ५६ मणिमेखलै (तमिल का प्राचीन महावीरचरित (अमरकीर्त्तिकृत) महाकाव्य) - २४ अपभ्रंश लुप्त ग्रंथ मथुरा - १४ महावीराचार्य (गणितज्ञ) - २६, ३८ मदुरई (तमिलनाडु) - १८ महेन्द्र कुमार (न्यायाचार्य, पं.) - ८२ मध्यप्रदेश - १२, ६०, ६६, ६६ महोरग लिपि - १३ - २७ -४४.५८ १६ - १४ ५७

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