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कुरजांगल कुलग (फारसी) = काक - ५७ कुवलाल (कर्नाटक की राजधानी) - ३२ कुशराज (राजा वीरमदेव तोमर का महामंत्री) कुशलसिंह (राजा) कूटलिपि
- ११ कूटलेखन कृष्णराज (राजा)
- ७२ कृष्णसार के.पी.जायसवाल (डॉ.) - १६ के.पी.जायसवाल रिसर्च
इन्स्टीट्यूट (पटना) के.बी.पाठक (डॉ.)
७५ केरल केरलपुत्र
-१४,१८ केलंगेरे (कर्नाटक के प्रसिद्ध जैन केन्द्र)
- ३४ केशराज मुनि (रामयशोरसायनरास
के लेखक (सचित्र ग्रन्थ) __-८ कैलाशचन्द्र (पं.) कैलाशनाथ काटजू कैलाशपर्वत कोंकणपट्टण कोंगालव राजेन्द्र कोंगुणि वर्मा कोटिशिला कोप्पण (कर्नाटक का प्रसिद्ध जैन केन्द्र)
- २६, ३४ कोप्पण (कवि)
३४ कोप्पल
२८ कोल्हापुर
- ४५ कोहिनूर हीरा कौमार
- ६५ खउसार (फारसी)=चर्मकार-चमार – ५८
जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख खंडगिरि (भुवनेश्वर) - १०, १७, ६६ खरताड (ताड़ का एक प्रकार) -६ खरोष्ठी (लिपि) - ६, १०, ११, १२, १३ खापुरू (फारसी) = कर्पूर - ५८ खारवेल (कलिंग सम्राट)- २, ४, ५, १०, १६, १७, १८, २०, २३, २४, २७, २८, २६, ३५, खारवेल-शिलालेख – २, १६, २१, २८ खास्य (लिपि)
- ११, १२ खुशफहम (कादम्बरी टीकाकार भानुचन्द्र सिद्धिचन्द्रगणि के लिये सम्राट अकबर द्वारा प्रदत्त उपाधि) खेड़ागढ़ (जोधपुर) खेमसिंह (रइधू कवि का ___ आश्रयदाता) खोतन (नगर) गंगराज अविनीत __ - ३२, ३७ गंग (राजवंश) गंग (नरेश) गंगवाडी (कर्नाटक का एक
सांस्कृतिक नगर) - ३२ गंडी (ताड़पत्रीय पाण्डुलिपि का
एक भेद) गंधहस्तिभाष्य (एक
लुप्त ग्रंथ) - ६३, ७७, ७६ गढ़ चम्पावती गणावर्तलिपि गणियालिपि गणेश वर्णी दि. जैन संस्थान गन्धर्व-लिपि गन्धर्व-विद्या गयासुद्दीन (बादशाह) गरुड़ लिपि गवर्नमेंटस क्वीनस् कालेज,
वाराणसी
-३०
- ४३