Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation

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Page 123
________________ ११, १३ - १५, ३२ । । । जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख दिवाकरनन्दि (कवि) - २६ धर्मसेन (एक विस्मृतग्रंथकार) - ४५ दिवाकरसेट्टि - ३३ धर्मोपदेश चूडामणि (लुप्त ग्रंथ) - ५६ द्विरुत्तरपद सन्धि लिखित धवल (अपभ्रंश कवि) -८, २६, ५८ लिपि धवला टीका -६०, ७६, ७८, ८२ दुर्गसिंह (कातंत्र व्याकरण नगरकोट (विस्मृत नगर) - ६६ ___ का टीकाकार) नटी-लिपि - १२ दुर्लभ-काक नट्टलसाहु (महाकवि बिबुध श्रीधर दुर्विनीत (गंगराज) का आश्रयदाता) - ४२, ४४, ६१, ७१, देवगण (मूलसंघ) ७३, ७६ देवगुप्त (ग्रंथकार) - ६३ नन्दमौर्ययुग - १० देवनन्दि पूज्यपाद (आचार्य) - २६, ३२,३३, नन्दराज __ - १६, २१ ३५, ३७, ४४, ६० नन्दिगिरि - ३२ देवनागरी लिपि - १२ नन्दिपद (खारवेल शिलालेख देवराज (सेनापति) - ३१ में उत्कीर्णित चिन्ह) - २३ देवलिपि नन्दिवर्धन देवसेन गणि नन्न (मंत्री) - २६, ४०, देवीदास (बुन्देली कवि) नयनन्दि (अपभ्रंश कवि) देवीदासविलास नयविजय (ग्रंथकार) देवेन्द्र कुमार जैन डॉ. नरसिंहदेव देवेन्द्र सिद्धांतदेव नयसेन (कन्नड़ लेखक) दोड्डय्य (कन्नड नरसिंहाचार्य (कन्नड पुराणेतिहासकार) इतिहासकार) दोहडोट्ट (नगर) नवस्तोत्र (लुप्तग्रंथ) - ६२, ६३ द्रमिल्ल (द्रविड) नवातु (फारसी) = शर्करा द्रविड नागचन्द्र (कन्नड कवि) द्रव्यप्रमाण नागदेव (कन्नड सेनापति) धणयत्त चरिउ नागपुर धनपाल कवि नागरखण्ड (जनपद) धम्मपद नागरी (लिपि) धरणीप्रेक्षणालिपि - १३ नागरी प्रचारिणी धरसेन (आचार्य) - १५ पत्रिका (वाराणसी) धराधर पण्डित (मुहम्मद बिन तुगलक । नागलिपि का जैन ज्योतिषी विद्वान) - ५० नागवर्मा (कन्नड कवि) धर्मचरितटिप्पण (अप्राप्त ग्रंथ) - ६४ । नागहस्ति (गुणधराचार्य-शिष्य) धर्मशर्माभ्युदय (महाकाव्य) - ७५ नागौर - ५८ । । । । । । । । । ।

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