Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation
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- २३
चरितकार)
६०
जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख जक्कियव्वे (कर्नाटक की।
जापान
-७७ प्रशासिका)
- ३३, ३४ जिणरत्तिकहा (अप्रकाशित जगडूशाह (गुजरात का दानवीर ___ अपभ्रंश ग्रंथ)
- ४६ सार्थवाह)
४०, ४१
जिनप्रभसूरि (फारसी ऋषभ स्तोत्र के जगत्नाथ (जगन्नाथ)
संस्कृत टीकाकार) - ५०, ५१, जगद्दलसामन्त (चिकित्सक) - २६ जिनभद्रसूरि जगदीशचन्द्र वसु (वैज्ञानिक) - २३ जिनमण्डन गणि जगन्नाथपुरी
- २३ जिनवर-विहार जजिया कर
जिनसेन (आचार्य) - ६, २६, २६, ३६ जटासिंहनन्दि (वरांगचरितकार) जिनेन्द्रदत्त-सार्थवाह - जन्न (कन्नड कवि)
जीमूतवाहन (राजा) जंबेश्वर-गुंफा
जीवकचिन्तामणि (तमिल ग्रंथ) - २४ जम्मू-काश्मीर
जीवदेव (विस्मृत ग्रंथकार) - जयधवल
-८, ८२ जुगलकिशोर मुख्तार (पं.) जयमित्रहल्ल (अपभ्रंश वर्धमान
जैन अग्रवाल - ५६
जैन ग्रन्थ रत्नाकर जयपुर
- ६० जैनबालाश्रम (दिल्ली) जयसोम उपाध्याय (मुगलसम्राट द्वारा जैनमूर्ति कला
उपाधि सम्मान प्राप्त) - ५० । जैनमूर्ति पूजा जर्मनी -४७, ४८, ६१, ७७ । जैन विद्यापीठ
- ३७, ३६ जल्पनिर्णय (अनुपलब्ध ग्रंथ) - ६३ ।। जवणी (लिपि)
- १२ जैन सिद्धांत भास्कर जवाहरलाल नेहरु (पं.)- १६, १७, १८, (शोध पत्रिका)
६८ जैन सिद्धांत भवन (आरा) जसहरचरिउ (अपभ्रंश ग्रंथ) - ६, ७१ । जैसलमेर जागीर (सम्राट)- ४०, ४२, ४४, ४६, ४६, जोधपुर
- ६०, ७५ ५० ज्योतिषी-सुग्रीव (लेखक) जहाँगीरनामा (फारसी ग्रंथ) -५० झाणपईव (अपभ्रंश ग्रंथ) जहाँगीरपसंद
- ५० झिलाय नगर जानकी प्रसाद द्विवेदी (डॉ.पं.) -६४ टोंक जानकीवल्लभ पटनायक (उड़ीसा डूंगरसिंह (गोपाचल का तोमर के मुख्य मंत्री) - १७ ।।
- ४३, ४४, ७२ जॉन मरे (अंग्रेज इतिहासकार) -६६ डेकिन कालेज, पूना जान हर्टेल (प्रो.) जर्मन
ढाका, (वर्तमान बंगला समीक्षाकार
- ४८ देश की राजधानी) - ४७
राजा)
___-६०

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