Book Title: Jain Pandulipiya evam Shilalekh Ek Parishilan
Author(s): Rajaram Jain
Publisher: Fulchandra Shastri Foundation

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Page 120
________________ -७४ ३२, ६३ जैन-पाण्डुलिपियाँ एवं शिलालेख गायकवाड़-सीरीज (ग्रंथमाला) -६० गिरनार (पर्वत) - ६८ गिलगित (काश्मीर) -५ गुजरात – १३, १५, ३८, ४२, गुजराती गुणकीर्ति (भट्टारक) गुणधर (कसायपाहुड के लेखक आचार्य) - १२, १४, १५, ३७ गुणभद्र आचार्य - १३, २६, ३४, ३८ गुणवर्मा (द्वितीय) कन्नड़ कवि - २६ गुणाढ्य (कवि) ग्रॉस (इतिहासकार) - ३६ गृद्धपिच्छ (आचार्य) - १५ गृहगोधिका (प्राणी विशेष) - ५८ गोपनन्दि पण्डितदेव - ३४ गोपाचल(ग्वालियर) -४३, ४८, ७३, ७४ गोपाचलदुर्ग (ग्वालियर का किला) - ४६, ४८, ७४, ७५, ७७ गोम्मटसार कर्मकाण्ड - ४६ गोम्मटेश्वर - ३० गोविन्दा-कन्नड़ कवि __ - ४४ गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा पं. - ४, ५ ग्वालियर - ४३, ४४, ६० घटियाली (जोधपुर) - ३५, ४७ चंद्रम (कन्नड़ कवि) - २६ चक्रलिपि (लिपि) चट्टलदेवी (उदार दानशीला कन्नड़ महिला) चन्दवार (नगर) - ७४ चन्द्रगुप्त (मौर्य) प्रथम - ४, ५, १४, १८ चन्द्रदेवमुनि - २६ चन्दप्पह चरिउ-अपभ्रंश लुप्त ग्रन्थ - ५६, ७३ चन्द्रमौलि (राज्यमंत्री) - ३४ चन्द्रवाडपट्टन (चन्दुवार फिरोजाबाद यू.पी.) - ४३, ७४ चमड़ा (प्राच्यकालीन लेखनोपकरण सामग्री) चमूपति (चामुण्डराय) - चम्पापुर (नगर) चम्पावती (दुर्ग) - ४७, ४८, ५० चर्मकार चॉदी (प्राच्यकालीन लेखनोपकरण सामग्री) चाणक्की लिपि चाणक्य (कौटिल्य) चाणक्क चन्द्रगुप्त कथा ग्रन्थ -६८ चामुण्डराय (सेनापति) - २६, ३० चामुण्डराय-पुराण चारित्रसार (चामुण्डराय कृत) - ३१ चारुदत्त (महासार्थवाह) -६१ चारूकीर्ति मुनि - ३४ चालुक्य राजवंश दक्षिण - ३१, ३५, ३६ चीन देश चीनी-क्षेत्र चीनी-विश्वकोष चीनी लिपि - ११, १३ चित्रसेन पद्मावती चरित्र चुरू (राजस्थान) चेर (राज्य) - १४, १८ चैत्यवृक्ष चोयट्ठि-चउअट्टि (द्वादशांग वाणी) -२१, २६ चोल (राज्य) - १४, १८ चौंसठ कलायें - १३, १४ चौहानवंश - ४३, ७४ जक्कणव्वे (कर्नाटक की आदर्श महिला) - ३४ जक्कियव्वे (महासति) - २६, ३२ -४७,

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