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चक्रवर्ती- पद प्राप्त करने के बाद सम्राट खारवेल ने कल्पवृक्ष महापूजा की थी, जिसमें उसने अगणित ब्राह्मणों एवं श्रमणों को मुँहमाँगा दान दिया था। खारवेल कल्पवृक्ष की पूजा करता हुआ । (खरवेल शिलालेख पंक्ति संख्या ६), उदयगिरि गुफाओं के भित्ति चित्रों पर आधारित श्यामसुन्दर पटनायक की पेंटिंग्स से साभार (दे. पृष्ठ सं. २७)