Book Title: Jain Katha Kosh
Author(s): Chatramalla Muni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 15
________________ ५१. कुन्ती (रानी) ५२. कुन्थुनाथ भगवान ५३. कुबेरदत्त (अठारह नाते ) ५४. कुलपुत्र महाबल ५५. कूणिक राजा ५६. कूरगडुक मुनि ५७. कूलबालुका मुनि ५८. कृष्ण वासुदेव ५६. केशरी (सामायिक) ६०. केशी स्वामी ६१. केसरिया मोदक ६२. कैकेयी ६३. कौशल्या ६४. कंस ६५. खंधक कुमार (स्कंदक) ६६. खंधक (स्कंदक) परिव्राजक ६७. खंधक मुनि ६८. गर्गाचार्य ६६. गजसुकुमार ७०. गर्दभाली मुनि ७१. गोशालक ७२. चण्डकौशिक ७३. चण्ड ७४. चण्डरुद्राचार्य ७५. चन्दनबाला ७६. चन्दन- मलयागिरि ७७. चन्द्रप्रभु भगवान ७८. चिलातीपुत्र ७६. चित्त - ब्रह्मदत्त ८०. चुलनीपिता ८१. चुल्लशतक ८६ ८२. चेटक ८८ ८३. चेलना ८६ ८४. जमाली ६२ ८५. जम्बूस्वामी ६५ ८६. जयघोष ξε ८७. जय चक्रवर्ती १०० ८८. जयन्ती श्रविका १०३ ८६. जशोभद्र १०५ ६०. जितशत्रु राजा और १०८ सुबुद्धि मंत्री १०६ ६१. जिनरक्षित - जिनपाल १११ ६२. जीर्ण सेठ ११३ १३. जुट्ठल श्रावक ११४ ६४. ढंढण मुनि ११५ ६५. तामली तापस ६६. तेतली - पुत्र त्रिपृष्ठ वासुदेव ११८ ६७. ११६ ६८. त्रिशलादेवी १२१ ६६. थावर्चा पुत्र १२२ १००, दत्त वासुदेव १२५ १०१. दमयन्ती १२६ १०२. दशरथ राजा १२६ १०३. दशार्णभद्र १२६ १३२ १३४ १३७ १४१ १४२ १४५ ११०. धन्ना अनगार १०४. दामनक १०५. द्विपृष्ठ वासुदेव १०६. द्विमुख (प्रत्येकबुद्ध) १०७. दृढ़प्रहरी १०८. देवानन्दा १०६. द्रौपदी १११. धन्यकुमार (धनजी) १५० १५२ ११२. धर्मनाथ भगवान् १५३ १५४ १५६ १५८ १६० १६१ १६१ १६२ १६३ १६४ १६७ १६८ १६६ १७० १७२ १७४ १७५ १७५ १७७ १७८ १७६ १८१ १८२ १८६ ८७ १८८ १६० १६१ १६४ १६५ १६८

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 414