Book Title: Jain Dharm Darshan Part 02
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 26
________________ 330000000000 2999999 9999 29999 ०००००००००००००००००००००० - 36 * निर्वाण कल्याणक * भगवान शांतीनाथ ने अपना निर्वाण काल समीप जान - सम्मेतशिखर पर पदार्पण किया। यहाँ नौ सौ मुनियों के साथ अनशन करके अंत में ज्येष्ठ कृष्णा त्रयोदशी के दिन भरणी नक्षत्र में भगवान शांतीनाथ उन मुनियों के साथ मोक्ष पधारे। इन्द्रादि देवों ने निर्वाण कल्याणक मनाया। भगवान ने पच्चीस हजार वर्ष कुमार अवस्था में, पच्चीस हजार वर्ष युवराजावस्था में, पच्चीस हजार वर्ष राजपाट पर और पच्चीस हजार वर्ष दीक्षावस्था में, इस तरह एक लाख वर्ष की आयु पूर्ण की। * प्रभु का परिवार * गणधर केवलज्ञानी - 4300 मनःपर्यवज्ञान - 4000 अवधिज्ञानी -3000 वैक्रिय लब्धिधारी - 6000 चतुर्दश पूर्वी - 800 चर्चावादी -2400 साधु - 62000 साध्वी - 61,600 श्रावक - 2,19,000 श्राविका - 3,93,000 * एक झलक * माता अचिरा पिता विश्वसेन नगरी हस्तिनापुर इक्ष्वाकु काश्यप चिह्न वर्ण सुवर्ण शरीर की ऊंचाई 40 धनुष यक्ष गरूड यक्षिणी निर्वाणी कुमार काल 25 हजार वर्ष राज्य काल - 50 हजार वर्ष दीक्षापर्याय 25 हजार वर्ष आयुष्य - 1 लाख वर्ष * पंच कल्याणक * तिथि स्थान नक्षत्र च्यवन भाद्रपद कृष्णा 6 सर्वाथसिद्ध भरणी जन्म ज्येष्ठ कृष्णा 13 हस्तिनापुर भरणी दीक्षा ज्येष्ठ कृष्णा 14 हस्तिनापुर भरणी केवलज्ञान पोष शुक्ला 9 हस्तिनापुर भरणी निर्वाण ज्येष्ठ कृष्णा 13 सम्मेतशिखर भरणी वंश गौत्र मृग •oadeddahdimentation **** "0120 Oersonal Prese

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