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__* साता वेदनीय कर्म के परिणाम (फल) * साता वेदनीय कर्म का फलभोग आठ प्रकार से होता है:1. कर्ण - प्रिय, मृदु एवं मधुर स्वर अपने - पराये लोगों से सुनने को मिलते हैं। 2. स्व - पर का मनोज्ञ और सुंदर रुप देखने को मिलता है। 3. किसी भी निमित्त से मनोज्ञ सुगन्ध की प्राप्ति होती है। 4. अत्यंत सरस, स्वादिष्ट, मधुर एवं ताजा भोजनादि प्राप्त होता है। 5. मनपसंद, नरम, कोमल, सुखद संवेदना उत्पन्न करने वाले स्पर्श की प्राप्ति होती है। 6. मनोज्ञ मानसिक अनुभूतियाँ, प्रसन्नता एवं चित्त की अनुकूलता आदि मिलती है। 7. प्रिय, मधुर एवं प्रशंसनीय वचन चहुँ ओर से सुनने को मिलते हैं। 8. शरीर की निरोगता, सुख - सुविधा, स्वस्थता एवं सुखद शारीरिक संवेदनाएँ प्राप्त होती है।
* असाता वेदनीय कर्म के परिणाम (फल) * असाता वेदनीय कर्म का फलभोग भी आठ प्रकार से होता है, साता वेदनीय कर्म के विपरीत। इस प्रकार वेदनीय कर्म कुल 16 प्रकार से भोगा जाता है।
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