Book Title: Jain Dharm Darshan Part 02 Author(s): Nirmala Jain Publisher: Adinath Jain Trust View full book textPage 106
________________ में से है में से से त Jain Education International त्यागने की उत्कण्ठा हो गई। अपने पुत्र पाण्डुसेन का राज्याभिषेक करके सभी ने दीक्षा अंगीकार कर ली। उग्र तपश्चर्या करके द्रौपदी स्वर्ग में गई और बाकी अब सिद्धाचल पर मुक्त हुए। 100 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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