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* इरियावहियं सूत्र *
इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! इरियावहियं पडिक्कमामि ? इच्छं ।
इच्छामि पडिक्कमिउं इरियावहियाए, विराहणाए । गमणागमणे । पाणक्कमणे, बीयक्कमणे, हरियक्कमणे, साउत्तिंग पणगदग मट्टी मक्कडा संताणा संकमणे ।
जे मे जीवा विराहिया । एगिंदिया बेइंदिया, तेइंदिया, चउरिंदिया पंचिंदिया ।
अभिहया, वत्तिया, लेसिया, संघाइया, संघट्टिया परियाविया, किलामिया, उद्दविया, ठाणाओ - ठाणं संकामिया, जीवियाओ ववरोविया, तस्स मिच्छामि दुक्कडं
* शब्दार्थ *
इच्छाकारेण - स्वेच्छा से, इच्छापूर्वक ।
भगवन् - हे भगवन् ।
पडिक्कमामि - प्रतिक्रमण करुं ।
संदिसह - आज्ञा दीजिए (जिससे) । इरियावहियं - मैं ईर्यापथिकी क्रियाका ।
इच्छं - चाहता हूँ, आपकी आज्ञा स्वीकृत करता हूँ। पडिक्कमिउं - प्रतिक्रमण करने को।
इच्छामि - चाहता हूँ, अन्तः करण की भावना - पूर्वक प्रारंभ करता हूँ।
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इरिया वहियाए - ईर्यापथ संबंधिनी क्रिया से लगे हुए अतिचार से, मार्ग में चलते समय हुई जीव विराधना का विराहणाए विराधना दोष ।
गमणागमणे - आने जाने में।
पाणक्कमणे - प्राणियों को दबाने से।
हरिय- क्कमणे - हरी वनस्पति को दबाने से ।
उत्तिंग - चींटियों के बिलों को ।
दग मट्टी पानी मिट्टी
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संकमणे - खूंद व कुचलकर ।
मे विराहिया- मुझ से पीड़ित दुःखित
इंदिया - दो इंद्रियोंवाले जीव । चउरिंदिया -
- चार इंद्रियोंवाले जीव ।
हों ।
हुए
अभिया - पांव से मरे हों, ठोकर से मरे हों ।
लेसिया - आपस में अथवा जमीन पर मसले हो ।
संघट्टिया - छुआ हो।
किलामिया - थकाया हो ।
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ठाणाओ ठाणं - एकस्थान से दूसरे स्थान पर।
जीवियाओ ववरोविया प्राणों से रहित किया हो।
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बीय क्कमणे - बीजों को दबाने से।
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ओसा - ओस की बूंदों को ।
पणग - पाँच वर्ण की कोई (नील फूल) । मक्कडा संताणा - मकड़ी के जाले आदि को ।
जे जीवा जो प्राणी, जो जीव ।
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एगिंदिया - एक इंद्रियोंवाले जीव । तेइंदिया - तीन इंद्रियोंवाले जीव । पंचिंदिया - पाँच इन्द्रियोंवाले जीव ।
बत्तिया - धूल से ढके हो।
संघाइया - इकट्ठे किये हों, परस्पर शरीर द्वारा टकराये हों। परियाविया - कष्ट पहुँचाया हो ।
उद्दविया भयभीत किया हो
कामिया - रखे हो । (फिराये हो)
तस्स मिच्छामि दुक्कडं - उन सब अतिचारों का दुष्कृत मेरे लिए मिथ्या हो ।
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