Book Title: Jain Dharm Darshan Part 02
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust
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या इरियावाहेय
इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! इरियावहियं पडिक्कमामि ? इच्छं, इच्छामि पडिक्कमिउं ?
पाणक्कमणे
इरियावहियाए विराहणाए गमणागमणे
बीयक्कमणे
हरियक्कमणे ओसा-उत्तिंग
जे मे जीवा विराहिया
पणग-दगमट्टी
"एगिंदिया बेइंदिया
मक्कडा-संताणा संकमणे
बेइंदिया
3000/
तेइंदिया
SRO चउरिदिया *
चउरिंदिया
35
पंचिंदिया
अभिहया
किलामिया
सघाइया
वत्तिया..
वत्तिया.
- संघट्टिया
उद्दविया
ठाणाओ ठाणं संकामिया
संघट्टिया
जीवियाओ ववरोविया
लेसिया
परियाविया
तस्स मिच्छामि दुक्कडं
...175
. . . .। Osalenemaal
...
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