Book Title: Jain Dharm Darshan Part 02
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 84
________________ तस्स उत्तरी करणेणं सूत्र तस्स उत्तरीकरणेणं, पायच्छित करणेणं विसोही करणेणं विसल्लीकरणेणं पावाणं कम्माणं निग्घायणट्ठाए ठामि काउस्सग्गं। * शब्दार्थ * तस्स - उस पाप की। उत्तरी करणेणं - विशेष शुद्धि के लिए। पायच्छित्त करणेणं - प्रायश्चित करने के लिए विसोहीकरणेणं - आत्मा के परिणामों की विशेष शुद्धि करने के लिए विसल्ली करणेणं - शल्य रहित करने के लिए। पावाणं - पाप। कम्माणं - कर्मों को। निग्घायणट्ठाए - नाश करने के लिए। काउस्सग्गं - कायोत्सर्ग। ठामि - मैं करता हूँ। भावार्थ : ईर्यायपथिकी क्रिया से पाप - मल लगने के कारण आत्मा मलिन हुआ, उसकी शुद्धि मैंने मिच्छामि दुक्कडं द्वारा की है। तो भी आत्मा के परिणाम पूर्ण शुद्ध न होने से वह अधिक निर्मल न हुआ हो तो उसको अधिक निर्मल बनाने के लिए उस पर बार - बार अच्छे संस्कार डालने चाहिए। इसके लिए प्रायश्चित करना आवश्यक है। प्रायश्चित भी परिणाम की विशुद्धि के सिवाय नहीं हो सकता इसलिए परिणाम विशुद्धि आवश्यक है। परिणाम की विशुद्धता के लिए शल्यों का त्याग करना जरुरी है। शल्यों का त्याग और अन्य सब पाप कर्मों का नाश काउस्सग्ग से ही हो सकता है इसलिए मैं कायोत्सर्ग करता हूँ। * अन्नत्थ ऊससिएणं सूत्र * अन्नत्थ ऊससिएणं नीससिएणं, खासिएणं, छीएणं, जंभाइएणं, उड्डएणं, वायनिसग्गेणं, भमलीए पित्तमुच्छाए।। सुहुमेहिं अंगसंचालेहिं, सुहुमेहिं खेलसंचालेहिं, सुहुमेहं दिट्ठिसंचालेहिं।। एवमाइएहिं आगारेहिं अभग्गो अविराहियो हुज्ज मे काउस्सग्गो।। जाव अरिहंताणं, भगवंताणं, नमुक्कारेणं न पारेमि।। ताव कायं ठाणेणं मोणेणं झाणेणं अप्पाणं वोसिरामि।। * शब्दार्थ * अन्नत्थ - अधोलिखित अपवादपूर्वक ऊससिएणं - श्वास लेने से। नीससिएणं - श्वास छोडने से। खासिएणं - खांसी आने से। छीएणं - छींक आने से। जंभाइएणं - जम्भाई आने से। उड्डएणं - डकार आने से। वाय-निसग्गेणं - अधोवायु छूटने से, अपानवायु सरने से। भमलीए - चक्कर आने से। पित्त - मुच्छाए - पित्त विकार के कारण मुर्छा आने से। सुहुमेहिं अंगसंचालेहिं - सूक्ष्म अंगसंचार होने से। सुहुमेहिं खेलसंचालेहिं - सूक्ष्म कफ तथा वायु संचार होने से। सुहुमेहिं दिट्ठिसंचालेहिं - सूक्ष्म दृष्टि संचार होने से। एवमाइएहिं आगारेहिं - इत्यादि आगारों (अपवादों) के प्रकारों से। PRAKARINAKAARoorkorakossonakashasok78-hoshootoutsANA S ooranRSSORS Jan Education Internatónar For Personal Private Use Only www.jainelibrary.org

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