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कश्मीर ] 'तंग और गलीज इम्माम बहुत नहाने के लिये दर्या कनारे के लिये पानी पर काठ के सन्दूक से बने हैं कि जब चाहो एकजगह खोलकर ले जाश्रो । जिसको दर्या में नहाना होता है वह उन्हीं के अन्दर पर्दे के साथ नहा लेता है। इमारत ई ट और काठ की खिड़िकियों में जालियाँ चोबी बहुत अच्छी बनी हुई और उनके अन्दर बर्फ के दिनों मे ठडी हवा रोकने के लिए बारीक "काग़ज़ लगा देते हैं । शीशा नहीं मिलता । शहर के उत्तर कनारे पर अढ़ाई
सौ फुट उँचा हरी, पर्वत नाम का एक छोटा-सा पहाड़ है । उस पर एक छोटा __ सा किला बना है । ऊपर चढ़ने से शहर पुल दानों की सैर बखूबी दिखलाई
देती है। हाकिम के रहने के मकान शहर दक्षिण तरफ़ बितस्ता के किनारे किले के तौर पर बुर्ज देकर बने हैं। उसै शेरगढ़ी कहते हैं। बादशाही मकानों का अब कहीं पताभी नहीं लगता । जहाँ दौलतसरा अर्थात् जहाँगीर के महलों का निशान देते हैं, वहीं अब धान की खेतियां होती हैं । एक दर्वाजे के पत्थर पर जो बाकी रह गया है फारसी शैर खुदे हैं । उनके पढ़ने से मालूम होता है कि किसी समय में वहाँ नागर नगर नाम का किला बनाया गया था और उसके * खर्च के लिये सिवाय कश्मीर की आमदनी के जो विलकुल उसी में बन चुकने
तक लगा की, एक करोड़ दस लाख रुपया बादशाह ने अपने खजाने से भेजा। __ नसीम नशात और शालीमार यह तीनो बाग उस वक्त के जो अब तक डल
के किनारे मौजूद हैं उनमे सेनसीम मे तो जहाँ बादशाही घोड़ा फेरते थे । केवल । 'हजार अथवा बारह सौ दरख्त बड़े-बड़े चनारों के खड़े हैं और नशात और । शालीमार ये दोनों बाग उजड़ पड़े हैं । फव्वारे ट्टे हुए मकान गिरे हुए हौजों '. 1 में पानी की जगह सूखो काई जमी हुई क्यारियों में फूल के बदले खेती वोई
हुई, यह हाल है उन बागों का जिनमें जहाँगीर नूरजहाँ के गले में हाथ डालकर ' दोनों जहान से बेखबर फिरा करता था और जिनको पृथ्वी पर स्वर्ग का नमूना बतलाते थे। सारे जहान की खूबियों का खुलासा कश्मीर और कश्मीर की खूबियों का खुलासा डल है यह झीले निर्मल जल की जो निहायत गहरी
हे प्रायः दसे मील के घेरे में होवेगी । दो तरफ उसके पहाड़ हैं लेकिन पॉच'पाँच सात-सात के तफावत से और दो तरफ श्रीनगर का शहर बसा है।