Book Title: Gyan Shabdakosh
Author(s): Gyanmandal Limited
Publisher: Gyanmandal Limited
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अच्छाई-अजसी चंगा, निरोग; सुधरता हुआ; स्वास्थ्यकर ( जलवायु); अविभाज्य; अविनश्वर । संपन्न, प्रतिष्ठित; दाममें मुनासिब, सस्ता (?); जो बुरा न | अछेय-वि० छिद्र-रहित, निदोष । हो; कामचलाऊ । पु० श्रेष्ठ पुरुष, गुरुजन; बड़ा-बूढ़ा। अछेह*-वि० लगातार, निरंतर अत्यधिक । अ० अच्छी तरह; स्वीकार सूचक उत्तर, हाँ; खैर ( यह अछोप-वि० अंगा, तुच्छ, नीच; दीन । आश्चर्य भी प्रकट करता है-अच्छा, आप हैं !)।- अछोभ-वि० क्षोभरहित; गंभीर, शांत; निभीक; मोहखासा-वि० काफी अच्छा। -बुरा-वि० भला-बुरा। रहित; निडर; नीच । मु०-आना-ठीक वक्तपर आना (व्यंगमें इसका उलटा); अछोर*-वि० ओर-छोर-रहित । सुदर बनना ।-करना-तंदुरुस्त करना; आफतसे बचानाः | अछोह-पु० स्नेह, ममता या क्षोभका अभाव; शांति; अच्छा काम करना ।-कहना-तारीफ करना । लगना- निर्दयता । वि० निर्दय, निष्ठुर; स्नेहरहित, क्षोभरहित । सुदर लगना, पसंद आना, भला मालूम होना । अछोही-वि० दे० 'अछोह' । -(च्छी) कटना,-गुजरना,-बीतना-आरामसे दिन अज-वि० [सं०] अजन्मा, अनादि कालसे विद्यमान । पु० बीतना ।-(च्छे)अच्छे-बड़े आदमी ।-वक्त-जरूरतके ईश्वर; ब्रह्मा, विष्णु; शिव; जीवात्मा; दशरथके पिता; एक वक्त ।-से पाला पड़ना-बड़े बेढब आदमीसे वास्ता पड़ना। ऋषि; बकरा; भेड़ा; कामदेव; चंद्रमा मेष राशि -गरअच्छाई-स्त्री० भलाई, अच्छापन, खूबी।
पु० अजदहा, एक विशाल सर्प जो बकरी, हिरन आदिको अच्छापन-पु० उत्तमता, सुंदरता ।
निगल जाता है; एक असुर ।-वृत्ति-स्त्री० निरुद्यम या अच्छिन्न-वि० [सं०] जो कटा न हो, अखंडित ।
भगवानके भरोसे रहनेकी वृत्ति ।-गरी-वि० अजगरकी, अच्छोहिन, अच्छोहिनी-स्त्री० दे० 'अक्षौहिणी। बिना परिश्रमकी । स्त्री० अजगरी वृत्ति; एक पौधा ।। अच्युत-वि० [सं०] जो अपने स्वरूप, सामर्थ्य, स्थानसे अज़-अ० [फा०] से, साथ। -खुद-अ० खुद-बखुद, च्युत न हुआ हो; अचल, अस्खलित, निर्विकार; स्थिर; अपने आप ।-गैब-अ० रोबसे, परोक्षसे, अलक्षित न चूनेवाला । पु० परमेश्वर, विष्णुः कृष्ण ।
स्थानसे | *पु० अदृष्ट स्थान । -गैबी-वि० रोब, अलक्षित अच्युताग्रज-पु० [सं०] बलराम ।
स्थानसे आनेवाला, आकस्मिक, आस्मानी (अज़रीबी अच्युतात्मज-पु० [सं०] कामदेव; कृष्णका पुत्र ।
गोला,-तमाचा,-मार = अचानक आनेवाली विपदा, अछक-वि० जो छका न हो, अतृप्त ।
दैवी कोप)। -हद-अ० बेहद, अत्यधिक । अछकना ---अ० क्रि० न छकना, तृप्त न होना।
अजगर-दे० 'अज' के साथ। अछत*-अ० (क०) विद्यमानतामें, रहते हुए । वि०अविद्य- अजगव-पु० [सं०] शिवका धनुध् । मान, ('छतहूँ अछत समान' ); सिवा; अलावा । | अजगुत-पु० अचंभेकी बात, विचित्र व्यापार; अयुक्त अछताना-पछताना-अ० क्रि० बार-बार पछताना या| बात । वि० आश्चर्योत्पादक; अनुपमेय । खेद करना।
अजड-वि० [सं०] जो जड न हो, चेतन, समझदार । अछन -पु० बहुत दिन । अ० धीरे-धीरे ।
पु० चेतन पदार्थ । अछना-अ० क्रि० विद्यमान रहना।
अज़दहा-पु० [फा०] अजगर । अछप-वि० न छिपने लायक, प्रकट ।
अजन-पु० [सं०] ब्रह्मा, तुच्छ व्यक्ति गमन.। वि०निर्जन, अछय-वि० दे० 'अक्षय' ।
जनहीन; जन्मरहित; अजन्मा । अछरा(री)-स्त्री० दे० 'अप्सरा' ।
अजनबी-वि० [फा०] अपरिचित; परदेशी; अनजान । अछरौटी-स्त्री० वर्णमाला।
अजन्मा (न्मन्)-वि० [सं०] जन्म-रहित; अनादि । अछल-वि० [सं०] निश्छल, सीधा-सादा ।
अजपा-पु० [सं०] एक मंत्र जिसका उच्चारण साँसके भीतरअछवाई-स्त्री० सफाई ।
बाहर आने-जाने मात्रसे किया जाता है; हंस-मंत्र; अछवाना*-स० क्रि० साफ करना, सँवारना .
'सोऽहम्'। -जप-पु० अजपा मंत्रका जप । अछवानी-स्त्री० एक तरहका अवलेह जो प्रसूता स्त्रियोंको | अजब-वि० [अ०] विचित्र, अनोखा । पु० अचरज । दिया जाता है।
अज़मत-स्त्री० [अ०] बड़ाई, बुजुगी; गौरव; चमत्कार। अछाम-वि० जो दुबला न हो, मोटा-ताजा, हृष्ट-पुष्ट । अजमी-वि० [अ०] अजमका । पु० ईरानी, तूरानी । अछिद्र-वि० [सं०] छिद्ररहित; निर्दोष ।
अजय-स्त्री० [सं०] पराजय । वि० अजेय ।। अछूत-वि० दे० 'अछूता'; अस्पृश्य । पु० अछूत जातिका अजया-स्त्री० [सं०] भाँग, माया; दुर्गाकी एक सहचरी; मनुष्य, अंत्यज, हरिजन ।।
*बकरी । अछता-वि० जो छुआ न गया हो, अस्पृष्ट; जो काममें न | अजय्य-वि० [सं०] जो जीता न जा सके, अजेय । लाया गया हो, कोरा, नया।
अजर-वि० [सं०] जरारहित, जो सदा जवान रहे; क्षयअछूतोद्धार-पु० अछूतोंका उद्धार या सुधार; इसका यत्न रहित; *जो पचे नहीं । पु० परब्रह्म; देवता । या आंदोलन ।
अजरायल-वि० जीर्ण न होनेवाला,चिरस्थायी, टिकाऊ! अछेद-वि० अभेद्य । पु० छल-छिद्रका अभाव; निष्क- | अजवायन-स्त्री० एक प्रसिद्ध पौधा और उसके दाने । पटता; अभेद ।
अजस*-पु० दे० 'अयश'। अछेद्य-वि० [सं०] जिसका छेदन या खंडन न हो सके, अजसी-वि० बदनाम, जिसके हाथमें यश न हो।
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 ... 1016