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समाज की अग्रिम पंक्ति में बैठने के लायक हों । हाँ, अगर आपको लगता है कि बच्चा भटक रहा है तो उसे लताड़ने का भी हक़ रखें । गलत कार्यों के लिए बच्चों को संरक्षण नदें।
ऐसा हुआ कि एक अमीर व्यक्ति के घर पर आधी रात के समय पुलिस ने दस्तक दी। मकान-मालिक उठा और उसने घर के बाहर पुलिस को खड़ा देखा। वह चौंक गया कि उसके घर पर पुलिस का क्या काम? उसने दरवाज़ा खोला और पूछा, 'किसलिए आना हुआ?' पुलिस इंस्पेक्टर ने एक फोटो दिखाते हुए पूछा, 'क्या आप इसे जानते हैं?' मकान-मालिक ने कहा, 'यह तो मेरा ही बेटा है। क्यों, क्या हुआ?' इंस्पेक्टर ने बताया, 'आज आपका बेटा इंडिया गेट के पास कुछ लड़कियों से छेड़खानी करते हुए पाया गया, और उसने उनके साथ बदतमीजी की। इसलिए हम उसे गिरफ्तार करने आए हैं। उसके साथ अन्य दो लड़के भी थे जिन्हें हम पकड़ चुके हैं और अब आपके बेटे की बारी है। __ पिता ने सब सुना, गहरी लम्बी साँस भरी और वह बेटे के कमरे में गया। उसने बेटे से पूछा, 'सच-सच बताओ, क्या तुमने किन्हीं लड़कियों के साथ छेड़खानी की थी? बाहर पुलिस खड़ी है, सच-सच बता दो।' बेटे ने शर्म से गर्दन झुका दी। पिता ने फिर दोहराया, 'मैं पूछ रहा हूँ बेटा, क्या तुमने ऐसा किया?' बेटे ने कुछ ज़वाब न दिया। पिता समझ गया। वह बाहर आया और इंस्पेक्टर से बोला, 'मेरा बेटा कमरे में है। जाइए, उसे गिरफ्तार कर लीजिए।' बेटा गिरफ्तार हो गया। बेटे के मन में क्रोध भर गया कि यह कैसा पिता है जो मुझे बचाने की बजाय मुझे जेल भेज रहा है। इंस्पेक्टर के मन में भी विचार आरहे थे कि यह अजीब आदमी है जो अपने ही पुत्र को गिरफ्तार करवा रहा है। लगता है, बाप-बेटे में अनबन है। लेकिन वह क्या करे ! ले चला वह अपने मुजरिम को कि तभी पिता ने आवाज़ लगाई, 'ठहरो। इंस्पेक्टर साहब आप जरा अंदर आइए।' अपनी अलमारी से उसने पांच हजार रु. निकाले
और इंस्पेक्टर को देते हुए कहा, 'ये रुपये मैं अपने बेटे को छुड़ाने के लिए नहीं, बल्कि इस बात के लिए दे रहा हूँ कि आज आप इसकी इतनी पिटाई करें कि आज के बाद यह फिर से किसी भी लड़की पर गलत नज़र डालने का साहस न कर सके।'
यह पता चलने पर कि बेटा बिगड़ रहा है, माता-पिता होने के नाते, घर का बुजुर्ग और अभिभावक होने के नाते आपका भी यह दायित्व है कि आप उसे पुन: सही रास्ते पर लाएँ। 161
घर को कैसे स्वर्ग बनाएं-1
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